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कृष्ण गोपाल द्विवेदी/बस्ती. उत्तर प्रदेश के बस्ती के एनएच-28 पर रफ्तार के कारण हादसों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है. इस साल 15 अक्टूबर तक 217 से ज्यादा लोगों ने हादसों में अपनी जान गंवा दी है. जगह-जगह अवैध कट्स, यातायात के नियम का पालन न करना, ओवर स्पीड और हाइवे पर अवैध तरीके से खड़ी गाडियों की वजह से एक्सीडेंट का ग्राफ बढ़ता जा रहा है. पिछले एक हफ्ते में बस्ती में लगभग 20 लोग रोड एक्सीडेंट में काल के गाल में समा चुके हैं. इसे रोकने के लिए व्यापक स्तर पर पहल होनी चाहिए. नहीं तो ये ग्राफ और आगे बढ़ सकता है.
बस्ती जिले में नेशनल हाइवे बनने से गाड़ियों की रफ्तार तो बढ़ी है. लेकिन सड़क सुरक्षा के व्यापक इंतज़ाम न होने से हादसों की संख्या में साल-दर साल इजाफा होता जा रहा है. पिछले 10 सालों में हादसों में 70 प्रतिशत की वृद्धी हुई है. जिले के 80 किलो मीटर हाइवे पर 13 डेंजर प्वाइंट चिन्हित किए गए हैं. जहां पर सबसे ज्यादा एक्सीडेंट होते हैं. हादसों में मरने व घायल होने की बात की जाए तो 2013 में 149 हादसे हुए. जिसमें 85 की मौत और 83 लोग घायल हुए.
2014 में 116 हादसे हुए. जिसमें 81 की मौत और 79 घायल हुए. 2015 में 172 हादसे हुए जिसमें 105 की मौत और 107 घायल हुए. 2016 में 198 हादसे हुए जिसमें 135 की मौत और 132 घायल हुए, 2017 में 218 हादसे हुए 150 से ज्यादा की मौत और 133 लोग घायल हुए. 2018 में 383 हादसे हुए 276 से ज्यादा मौत और 260 लोग घायल हुए. 2019 में 401 हादसे हुए. जिसमें 254 से ज्यादा मौत और 242 लोग घायल हुए. 2020 में 336 हादसे हुए जिसमें 214 से ज्यादा मौत तो 204 लोग घायल हुए. 2021 में 347 हादसे हुए जिसमें 246 से ज्यादा मौत और 226 लोग घायल हुए. वही 2022 में 15 अक्टूबर तक 319 हादसे हुए जिसमें 217 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. वही 213 लोग घायल हुए हैं और अभी ये आंकड़ा और भी बढ़ सकता है, इन आंकड़ो को आप देख कर आसानी से अंदाजा लगा सकते हैं.
हादसों में ज्यादा तर मरने वालों की उम्र 25 से 40 वर्ष के बीच है. जब कोई बड़ा हादसा होता है तो प्रशासन स्तर से पुलिस, आरटीओ और एनएचआई को निर्देश दिए जाते हैं. लेकिन कुछ समय बीतने के बाद फिर वही पुराना सिस्टम शुरू हो जाता है. बस्ती जिले में दो जगह टोल लगा हुआ है. एक चौकड़ी टोल प्लाजा हरैया तो दूसरा टोल प्लाजा बस्ती बड़ेवन पर है.एक जिले में दो दो जगह टोल टैक्स लेने के बाद भी यहां के रोड में डामर कम गड्ढे ज्यादा दिखाई पड़ते हैं कहीं कहीं तो 2 फिट का भी गड्ढा देखने को मिल जाता है. जिसकी वजह से हादसा होने का खतरा और बढ़ जाता है.
लापरवाही का आरोपअगर NH-28 पर कोई बड़ा हादसा होता है तो अफसर मौके पर पहुंच जाते है. उनकी तरफ से तमाम सख्ती भी बरती जाती है. लेकिन यहां दिन छोड़िए कुछ घण्टों में ही सारी बातों का असर फीका पड़ जाता है. अभी हाल ही में 22 अक्टूबर को लखनऊ में कार्यरत सिंचाई विभाग में सहायक अभियंता विनोद कुमार सहित उनके पूरे परिवार की मौत हो गई थी. जिसमें उनकी मां, बीवी और दो बच्चे शामिल थे. ये हादसारोड किनारे खड़े कंटेनर में कार भिड़ने से हुआ था.आज भी आपको बेतरतीब तरीके से हाइवे पर खड़ी गाडियां देखने को मिल जाएंगी.
राहगीर रजनीश कुमार ने बताया की इतने हादसे होने के बाद भी प्रशासन कुछ नहीं कर रहा है. ऊपर से टोल प्लाजा वाले भी खराब हुई गाड़ियों को पार्किंग जोन में न रख के हाईवे किनारे ही खड़ा कर देते हैं. जिससे काफी ज्यादा हादसे हो रहे है. अब इसको लापरवाही कहे या प्रशासन की अनदेखी ये तो हो रहे हादसे ही बताएंगे.
डीएम बस्ती प्रियंका निरंजन ने बताया की एक्सीडेंट के रोकथाम के लिए हम लोग आरटीओ, एनएचआई आदि के साथ बैठक कर रहे हैं. पीडी एनएच को निर्देशित भी किया गया है. जरूरत पड़ी तो इसके लिए पत्राचार भी किया जाएगा. एसपी बस्ती आशीष श्रीवास्तव ने बताया की हाइवे पर लगातार वाहनों का प्रेशर बढ़ रहा है. इसलिए दुर्घटनाएं भी हो रही है. हम लोग इसके लिए अभियान चला रहे हैं की कोई भी व्यक्ति हाइवेकिनारे गाड़ी न खड़ी कर सके.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Basti news, Uttar pradesh newsFIRST PUBLISHED : October 28, 2022, 20:35 IST

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