[ad_1]

अयोध्या. जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने आज महादेव के दरबार में पहुंची जहां पर उन्होंने शिवलिंग पर जलाभिषेक किया.जिसके बाद पूरे देश में तहलका मच गया. मुस्लिम समुदाय के लोग महबूबा मुफ्ती का विरोध कर रहे हैं तो वहीं संत समाज महबूबा मुफ्ती का स्वागत कर रहा है. बता दें कि पीडीपी प्रमुख और जम्मू -कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती दो दिवसीय पुंछ जिले के दौरे पर है. इस दौरान पुंछ सीमा पर स्थित भगवान शिव के नौ ग्रह मंदिर पहुंची जहां उन्होंने पूरे मंदिर का परिक्रमा किया और शिवलिंग का जलाभिषेक किया. इतना ही नहीं मंदिर परिसर में बने यशपाल शर्मा की प्रतिमा पर भी उन्होंने पुष्प अर्पित किया , जिसके बाद पूरे देश के मुस्लिम समुदाय के लोग बयानबाजी कर रहे हैं. मुस्लिम धर्म गुरु और मौलवी महबूबा मुफ्ती के इस भक्ति का विरोध कर रहे है तो अयोध्या का संत समाज महबूबा मुफ़्तीका स्वागत कर रहा है .तपस्वी छावनी के पीठाधीश्वर जगद्गुरु परमहंस आचार्य ने कहा कि पूरी दुनिया में जितने भी मुस्लिम समाज के लोग है वह हज करने के लिए मक्का-मदीना जाते हैं वहां पर भी भगवान शंकर का ही मंदिर है. इसलिए महबूबा मुफ्ती ने समझा कि सबका कल्याण सनातन धर्म में ही है. तो वहीं दूसरी तरफ बाल संत दिवाकर आचार्य ने कहा कि महबूबा मुफ्ती देर से आई दुरुस्त आई .सनातन समाज महबूबा मुफ्ती का स्वागत करता है. परमहंस आचार्य ने कहा कि पंथ और मजहब भले ही लोगों के अलग हुए है लेकिन धर्म पहले भी एक था आज भी एक है सनातन धर्म . इस्लाम मजहब है महबूबा मुफ्ती ने शायद आज अपने अपराध के बदले प्रायश्चित किया है .संवैधानिक राष्ट्र में व्यक्ति को है आजादीजगदगुरु परमहंस आचार्य ने कहा कि जो लोग महबूबा मुफ्ती का विरोध कर रहे हैं उनको चौराहे पर खड़ा करके गोली मार देना चाहिए . भारत एक संवैधानिक राष्ट्र है यहां पर हर व्यक्ति को आजादी है. जहां जिसकी श्रद्धा है वह जा सकता है. अगर महबूबा मुफ्ती को कोई जबरदस्ती ले गया होता तब इनका विरोध करना जायज था.अगर महबूबा मुफ्ती अपनी स्वेच्छा से सनातन धर्म को पसंद कर रही है और उनको अपने पूर्वजों का बोध हो गया है. भगवान भोलेनाथ के शरण में गई हैं विरोध करने वाले जितने भी हैं वह सब जिहादी है.भारत की मूल संस्कृति है सनातनराष्ट्रवादी बाल संत दिवाकर आचार्य ने कहा कि देर से आई दुरुस्त आई महबूबा मुफ्ती सनातनी समाज उनका स्वागत करता है. जितने भी मुस्लिम समाज के लोग हैं सभी सनातनी हैं. यह स्वीकार करना पड़ेगा क्योंकि एक सत्य सनातन धर्म ही अटल है और भारत की मूलभूत संस्कृति है. संत दिवाकर आचार्य ने कहा कि जो लोग महबूबा मुफ्ती का विरोध कर रहे है उनके बाप-दादा भी जयचंद ही है. वह भी कन्वर्टेड ही है. राष्ट्रवादी बाल संत दिवाकर आचार्य ने कहा कि जब 2024 में प्रधानमंत्री मोदी राम लला की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे तो उस समय भारत में सिर्फ एक ही धर्म रह जाएगा. वह भी सनातन धर्म. सनातन संस्कृति के लोग महबूबा मुफ्ती का स्वागत करते है वह सनातन धर्म में वापसी कर रही हैं.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|FIRST PUBLISHED : March 16, 2023, 21:44 IST

[ad_2]

Source link