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वसीम अहमद/अलीगढ़. उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय एक बार फिर विवादों में आ गया है और इस बार मामला टीचर्स एसोसिएशन के चुनावों को लेकर है. यहां पिछले 3 साल से टीचर्स एसोसिएशन के चुनाव नहीं हुए थे. जिस वजह से टीचर्स एसोसिएशन की एग्जीक्यूटिव कमेटी ने एक चुनाव अधिकारी नियुक्त कर पिछले महीने कुछ पदों पर चुनाव करा दिए. जिसमें अध्यक्ष सहित कई लोग निर्विरोध निर्वाचित हुए थे. इस कमेटी के सदस्य पद पर दो हिंदू प्रोफेसर भी थे.
शेष बचे 2 पदों पर बैलेट पेपर से चुनाव होना था. लेकिन चुनाव प्रक्रिया नियमानुसार नहीं कराने का आरोप लगाते हुए अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर तारिक मंसूर ने अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल कर रजिस्ट्रार से एक पत्र जारी कराकर चुनाव को टाल दिया. अब जल्द ही चुनाव नए सिरे से होंगे. इसको लेकर अमूटा से जुड़े लोगों में रोष है. इस चुनाव में AMU के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ था कि, जब किसी महिला को अमूटा के अध्यक्ष पद पर चुना गया हो.
इसलिए बढ़ी रारदरअसल 21 मार्च 2021 को अमूटा की एक्जीक्यूटिव कमेटी ने स्टूडेंट वेलफेयर के डीन प्रोफेसर मुजाहिद बेग को मुख्य चुनाव अधिकारी नामित किया था. उसके बाद संवैधानिक प्रक्रिया के तहत 3 सितंबर से लेकर 15 सितंबर तक चुनाव प्रक्रिया निर्धारित की थी. 12 सितंबर को नामांकन किया गया था और उसमें अध्यक्ष पद पर प्रोफेसर इतिहास विभाग की प्रोफेसर चांदनी बी को निर्विरोध अध्यक्ष चुन लिया गया था. क्योंकि, अकेले उन्होंने ही अध्यक्ष पद के लिए नामांकन किया था. जबकि अन्य लोग एग्जीक्यूटिव कमेटी के सदस्य चुने गए थे. शेष बचे 2 पद सचिव और संयुक्त सचिव पद पर 15 सितंबर को चुनाव होना था. लेकिन वाइस चांसलर के 1 दिन पहले आए पत्र ने चुनाव प्रक्रिया को बाधित कर दिया. AMU प्रशासन के अनुसार चुनाव नियमानुसार नहीं हुए थे. इसलिए वीसी तारिक मंसूर ने अपने विशेषाधिकार धारा 19 (2) का इस्तेमाल कर चुनाव प्रक्रिया को 10 अक्टूबर तक टाल दिया और अब नए सिरे से चुनाव होंगे.
बनी चार सदस्यीय कमेटीवीसी ने 4 सदस्य कमेटी भी बनाई है. जो उनको रिपोर्ट देगी कि किस तरह अमूटा के संविधान के तहत चुनाव कराए जाएं. इसको लेकर मुख्य चुनाव अधिकारी मुजाहिद बेग ने ही वाइस चांसलर तारिक मंसूर पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा है कि, सारी प्रक्रिया नियम अनुसार की गई थी. वाइस चांसलर को कोई अधिकार नहीं है कि, वह अमूटा के कार्य में हस्तक्षेप करें या चुनाव अधिकारी नामित करें. जब एक बार चुनाव अधिकारी नामित हो गया तो वीसी को कोई अधिकार नहीं है.
चुनाव के दौरान मानकों की अनदेखीएएमयू के जनसंपर्क विभाग के मेंबर इंचार्ज शाफे किदवई ने कहा कि,कोविड के कारण 3 साल से चुनाव नहीं हुए थे और चुनाव होना या ना होना यह अमूटा का निर्णय होता है. इस बार उन्होंने फैसला किया. चुनाव अधिकारी भी बनाया था. लेकिन पूरी चुनाव प्रक्रिया एक प्रोसेस के तहत होनी थी.लेकिन जब चुनाव पूरा हुआ तो पता चला कि, चुनाव के दौरान कई बातों की अनदेखी की गई है. प्रक्रिया यह है कि वोटर लिस्ट आउट होनी चाहिए थी और जनरल बॉडी मीटिंग का ऐलान किया जाना था, इसलिए विधिवत जो होना चाहिए था वह हो नहीं पाए. इसलिए वीसी ने अपने विशेषाधिकार धारा 19(2) के तहत रद्द करते हुए डेट को आगे बढ़ा दिया. इसके लिए उनके पास पावर भी है. अगर यूनिवर्सिटी में कोई काम नियमानुसार नहीं हो रहा और वह अगर मुखिया है तो हस्ताक्षेप कर सकता है.वहीं स्टाफ एसोसिएशन के कुछ पूर्व सचिव हैं उनको बुलाया और एक कमेटी बनाई है. वह कमेटी अपनी रिपोर्ट देग 10 अक्टूबर तक प्रोसेस कंप्लीट हो जाएगा.
अमूटा का कहना है कोई गलती नहीं हुईवहीं अमूटा के इलेक्शन कराने वाले मुख्य चुनाव अधिकारी प्रो मुजाहिद बेग ने बताया कि, 21 मार्च 2021 को अमूटा की एग्जीक्यूटिव कमेटी ने मेरा नाम चीफ इलेक्शन कमिशन के लिए पास किया. मैंने उसकी सहमति दे दी उसके बाद भी बिना किसी बहाने से जो सचिव थे उसको डिले करते रहे. वहीं स्टाफ क्लब में 31 अगस्त को मैंने एक मीटिंग बुलाई और और इलेक्शन शेड्यूल जारी कर दिया. 31 अगस्त 2022 को और हम उस प्रोसेस को कंटिन्यू करते चले गए. उसके बाद भी यह लोग नहीं चाहते थे कि, इलेक्शन हो. इन्होंने एक पत्र लिखा मुझे मैंने जो भी किया है वह अमूटा के संविधान के तहत किया है मैं खुद अध्यक्ष रहा हूं.
मैं आज भी अध्यक्ष हूं- चांदनीहमने इस मामले पर अध्यक्ष चुनी गई इतिहास विभाग की महिला प्रोफेसर चांदनी बी से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने कहा कि, वह बीमार हैं और उन्होंने फोन पर बताया कि उनको किसी तरह का कोई पत्र नही मिला है. वह आज भी अध्यक्ष हैं. क्योंकि उनको नियमानुसार अमूटा के संविधान के तहत उन को अध्यक्ष बनाया गया हैब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: Aligarh news, Uttar pradesh newsFIRST PUBLISHED : September 20, 2022, 19:13 IST

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