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नई दिल्ली. Air Pollution School closed: वायु प्रदूषण के बढ़ते खतरे को देखते हुए दिल्ली एनसीआर के स्कूलों को बंद किया जा रहा है. इसके साथ ही स्कूलों के लिए निर्देश जारी किया गया है कि ऑनलाइन मोड में पढ़ाई जारी रखें. हालांकि कुछ जगहों में अभी भी स्कूल खुले हुए हैं, जिसके कारण स्कूल जाने पर बच्चों की आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत हो रही है. ऐसे में पेरेंट्स स्कूल बंद करने की मांग कर रहे हैं.

बता दें कि दिल्ली, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में 8वीं तक के स्कूल बंद किए जा चुके हैं. जबकि गाजियाबाद में अभी तक स्कूलों को बंद नहीं किया गया है. हालांकि गाजियाबाद में भी प्रदूषण का स्तर बहुत अधिक है. पिछले दिनों प्रदूषित शहर में गाजियाबाद एक नंबर पर रहा है. ऐसे में गाजियाबाद की स्कूलों में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को इंतजार है कि, आखिर सरकार के द्वारा इन स्कूलों को बंद करने का फैसला कब लिया जाएगा.
पैरेंट्स कर रहे स्कूल बंद करने की मांगगाजियाबाद की स्कूलों में पढ़ने वाले कई बच्चों के पैरेंट्स ने डीएम गाजियाबाद को ट्वीट करके स्कूलों में छुट्टी करने की मांग की है. पैरेंट्स का कहना है कि ‘वायु में प्रदूषण की अधिकता के कारण छोटे बच्चों की आंखों में जलन और सांस लेने में परेशानी की शिकायत आ रही है. बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुये कक्षा 1 से 8 तक के स्कूल बंद किये जाएं. नोएडा के कक्षा 1 से 8 तक स्कूल बंद कर दिए गए हैं. आशा है आज आप निर्णय लेंगे.’
क्‍या कहते हैं लोगगाजियाबाद निवासी अशोक बताते हैं कि उनका बच्‍चा विद्या बाल भवन में पढ़ता है. प्रदूषण का स्‍तर बढ़ गया है, लेकिन अभी तक स्‍कूल बंद करने की कोई सूचना नहीं है. इसी तरह वनस्थली पब्लिक स्कूल के स्‍टूडेंट प्रखर पाण्डेय के पिता अविनाश पांडेय का कहना है कि, ‘प्रदूषण को देखते हुए स्‍कूल तत्‍काल प्रभाव से बंद होने चाहिए. इससे बच्‍चों की सेहत पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है.’ एयर फोर्स स्कूल में अपने बच्‍चे रुद्र ढिल्लों को पढ़ाने वाले धीरज ढिल्लों को उनके बच्‍चे के स्‍वास्‍थ्‍य की चिंता सता रही है. उन्‍होंने दिल्‍ली नोएड का उदाहरण देते हुए कहा कि, ‘जब पूरे दिल्‍ली एनसीआर में प्रदूषण है, ऐसे में गाजियाबाद के स्‍कूल क्‍यों खोले जा रहे हैं. यह समझ से परे है. स्‍थानीय रहवासी अरुण सिंह कहते हैं कि, ‘उनकी बच्‍ची कनक डीएवी स्कूल में पढती है, इतने प्रदूषण में भी उन्‍हें स्‍कूल भेजना पड़ता है, जो कि बच्‍चों के लिए ठीक नहीं है.’
क्‍या कहता है एसोसिएशन इधर गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन की अध्‍यक्ष सीमा त्‍यागी का कहना है कि कक्षा 5 तक के स्‍कूल को बंद किया जाना चाहिए, क्‍योंकि बच्‍चों पर प्रदूषण का बुरा असर पड़ सकता है. जिन बच्‍चों की तबीयत एक बार खराब हुई है, प्रदूषण की वजह से वह जल्‍द ठीक नहीं हो रहे हैं.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Air pollution, Education news, School educationFIRST PUBLISHED : November 04, 2022, 16:33 IST

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