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आगरा. आपने अब तक कई दुकानों और प्रतिष्ठानों के बहुत तरह के नाम देखे होंगे जैसे ग्रेजुएट चाय वाला, MBA चाय वाला, चाय सुट्टा बार, बदनाम कुल्फी, ठग्गू लड्डू आदि. इस बीच आगरा में एक शख्स ने अपनी चाय व पराठे की दुकान का नाम ‘लावारिस जिन्दगी वीरान लाल जी अग्रवाल पराठे व चाय वाले’ रखा है. आप भी सोच में पड़ गए होंगे कि कैसा अजीब नाम है ? तो चलिए जानते है क्या है इस नाम के पीछे की कहानी.चाय की दुकान के मालिक 65 वर्षीय लाल जी की बेहद भावुक कहानी है. वह इस दुकान के जरिए अपनी पिछली जिंदगी को याद नहीं करना चाहते हैं. जब कभी याद आ जाती है तो आंखों से आंसू छलकने लगते हैं. सहज होने पर उन्होंने बताया कि वे आगरा की हींग मंडी के रहने वाले हैं. परिवार में एक लड़का और दो लड़की हैं. पहले घर परिवार से खूब सम्पन्न थे, लेकिन रिश्तेदारों ने चालाकी से सारी संपत्ति हड़प ली. जबकि पत्नी की सड़क हादसे में मौत हो गयी. लड़कियों की बड़ी मुश्किल से मेहनत मजदूरी करके शादी की, तो लड़का अपने मामा के घर कमला नगर में रहता है. वहीं, लड़का और लड़की ने भी शादी के बाद नाता तोड़ दिया और अब कोई मिलने तक नहीं आता. बुढ़ापे में सबने नाता तोड़ लिया, लिहाजा अब वो पूरी तरह से लावारिस हो गए है और जिंदगी वीरान है. इस वजह से उन्‍होंने अपनी दुकान का नाम जिंदगी के हालात पर ही रख दिया. वह पिछले 40 सालों से फुटपाथ पर गुजर बसर कर रहे हैं. ठेले पर ही चाय पराठे की छोटी सी दुकान चलाते हैं.वीरान और लावारिस हो गई है जिंदगीएमजी रोड आगरा लॉ फैकल्टी के बगल में छोटी सी दुकान चलाने वाले लाल जी बताते हैं कि बुढ़ापे में कोई सुध लेने वाला नहीं रहा. किसी को उनका असली नाम पता नहीं है. जिंदगी ने उन्हें लावारिस कर दिया है और जीवन वीरान है. यह सब बताते हुए उनकी आंखों में आंसू भर आते हैं. दिन में मुश्किल से 100 रुपए की ही आमदनी हो पाती है.दुकान पर चाय पराठा और अंडे बेचते हैं. समय को कोसते हुए कहते हैं कि भगवान ऐसा समय किसी को ना दिखाए, अब जिंदगी बोझ लगने लगी है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|FIRST PUBLISHED : December 05, 2022, 18:32 IST

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