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विकाश कुमार/ चित्रकूट: यूपी के चित्रकूट में गर्मी का मौसम शुरू हो गया है और गर्मी के शुरू होते ही जंगलों में आग लगने का सिलसिला भी शुरू हो जाता है. वनों की सुरक्षा की जिम्मेदारी वन विभाग पर है. साथ ही जंगलों को आग से बचाने के लिए अन्य प्रयास भी किये जाते हैं, लेकिन इसके बाद भी हर वर्ष यह समस्या बनी रहती है और आग लगने के कारण जंगलों को काफी नुकसान पहुंचता है. ऐसे में वन विभाग की ओर से चाहे कितनी भी कोशिश कर ली जाए, लेकिन कहीं ना कहीं गर्मी के दिनों में जंगलों में आग लगी ही रहती है.

चित्रकूट के रानीपुर टाइगर रिजर्व के आधा दर्जन से ज्यादा जंगलो में गर्मी शुरू होते ही आग लगने का सिलसिला जारी हो जाता है. जिससे जंगल की बेशकीमती वन संपदा भी जलकर खाक हो जाती है. गर्मी शुरू होते पेड़ों से पत्ते गिर जाते हैं और तेज धूप में सूख जाते हैं. जिसके चलते ही गर्मी के दिनों में जंगलों में आग लगने के मामले बढ़ जाते हैं, इसके अलावा वनकर्मचारी भी निगरानी करते हैं. आग लगने का सबसे बड़ा कारण यह है कि आसपास जंगलों के पास रहने वाले आदिवासी लोग महुआ बिनने के चक्कर में जंगल में पड़े पत्तों में आग लगा देते हैं. जिससे आग पूरे जंगलों में फैल जाती है.

जंगलों में आग को लेकर डिप्टी डायरेक्टर ने कही ये बात

चित्रकूट रानीपुर टाईगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर नरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि पेड़ से गिरे सूखे पत्तों पर‌ ग्रामीण महुआ बीनने के लिए आग लगा देते हैं. हालाकि आग से कोई भी नुक्सान नहीं हुआ है. हमारे द्वारा इससे बचाव के लिए ग्रामीणों‌ को समझाया जा रहा है. गांव में चौपाल लगाकर लोगों को आग से हो रहे नुकसान के प्रति जानकारी देते हुए उन्हें जागरूक किया जा रहा है. ताकि भविष्य में ऐसी घटना से बचा जा सके.

सभी रेंजो में टीम हुई गठित

जनपद के सभी रेंजों में जंगलों में आग से निपटने के लिए टीम गठित की गई है. जो जंगल में लगने वाली आग पर निगरानी रखेगी. उन्होंने बताया कि बरगढ़ रेंज में आग से निपटने के लिए फायर फायटिंग मोटर यंत्र तैयार किया गया है.जो प्रेशर के साथ कई मीटर दूर तक फैली आग पर काबू पाने में सहायक होगा. इसको रानीपुर टाईगर रिजर्व मानिकपुर क्षेत्र में भेजा गया है।‌ आग से किसी प्रकार की कोई हानि अभी तक नही हुई है.
.Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : April 5, 2024, 17:07 IST

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