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सृजित अवस्थी/ पीलीभीत: पीलीभीत जिले में बाघ के हमले की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं. शुक्रवार की सुबह भी खेत पर सिंचाई करने गया किसान बाघ का निवाला बन गया. किसान की मौत के बाद हाईवे पर शव रख कर प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों को समझाने पहुंचे अधिकारी भी किसानों की मांग सुनकर हैरान रह गए. हालांकि मुआवजे व तार फेंसिंग के आश्वासन पर कई घंटो बाद ग्रामीणों ने जाम खोल दिया.

दरअसल, बीते तक़रीबन 7-8 महीनों से उत्तर प्रदेश के पीलीभीत ज़िले में आदमखोर बाघ का आतंक देखने को मिल रहा है. इस आदमखोर बाघ से सबसे अधिक प्रभावित कलीनगर तहसील क्षेत्र है. कलीनगर तहसील के मथना जब्ती, रानीगंज, पुरैनी दीपनगर व जमुनिया समेत 5 वर्ग किलोमीटर में फैले तमाम गांव आदमखोर की दहशत में जीने को मजबूर हैं. बीती 26 अक्टूबर को ही इलाके के अटकोना गांव से एक बाघिन को रेस्क्यू किया गया था. इसके ठीक 10वें दिन बाघ के हमले में एक किसान को अपनी जान गंवानी पड़ गई है. इन सब घटनाओं से ग़ुस्साए ग्रामीणों ने पीलीभीत-माधोटांडा हाईवे पर शव रख कई घंटों तक प्रदर्शन किया.

50 लाख लो और आदमखोर को मारने की परमिशन दोशव को हाईवे पर रखकर प्रदर्शन की जानकारी मिलते ही माधोटांडा पुलिस समेत स्थानीय अधिकारी मौके पर पहुंच गए. इस दौरान दौरान पीलीभीत टाइगर रिजर्व की महोफ रेंज के रेंजर सहेंद्र यादव को ग्रामीणों का खासा गुस्सा भी झेलना पड़ा. नोक झोंक के दौरान एक किसान ने इतना तक कह दिया कि गांव के लोग आपको 10 लाख रुपये इकट्ठा कर देंगे क्या आप अपनी जान दे सकते हैं. वहीं कई किसान 50 लाख रुपये की लागत पर आदमखोर बाघ को मारने की परमिशन मांगते नजर आए.

इलाके में 6 महीनो में चौथी मौत पर फूटा गुस्साआपको बता दें कि यह पहला मौक़ा नहीं है जब कलीनगर तहसील क्षेत्र के किसी किसान को बाघ ने अपना निवाला बनाया हो. बीते 6 महीनों में यह इलाके की चौथी घटना है. यही कारण है कि दिन पर दिन इलाके के किसानों में वन विभाग के अधिकारियों अधिकारियों के प्रति रोष पनपता जा रहा है.
.Tags: Local18, Tiger attack, UP newsFIRST PUBLISHED : January 6, 2024, 08:41 IST

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