[ad_1]

सृजित अवस्थी/पीलीभीत: यूपी के पीलीभीत में बरसात के मौसम के दौरान एक खास सब्जी बाजार में देखने को मिलती है. वैसे तो यह जंगली सब्जी है, लेकिन इसका दाम सब्जियों के साथ-साथ मटन के दामों से भी तकरीबन 3 गुना अधिक होता है. दरअसल, पीलीभीत के जंगलों में साल के पेड़ की जड़ों में बरसात के दौरान कटरुआ नामक सब्जी उगती है.

जंगल के आसपास रहने वाले ग्रामीण इसे खोदकर जंगल से बाजारों तक पहुंचाते हैं. चूंकि, पीलीभीत का जंगल रिजर्व फॉरेस्ट है तो इसमें कटरुआ को बीनना गैर कानूनी है.  फिर भी हर साल धड़ल्ले से यह सब्जी बाजारों में बिकती देखी जाती है. इतना ही नहीं इसका दाम तकरीबन 1000-1500 रुपये के बीच होता है.

यह भी पढ़ें पश्चिमी UP में मशहूर है… बागपत का घेवर, इस दुकान पर रोज 100 किलो की बिक्री

इसलिए बाजारों से गायब है कटरुआपीलीभीत के जंगलों को सन 2014 में पीलीभीत टाइगर रिजर्व का दर्जा दे दिया गया था. ऐसे में जंगल में बिना अनुमति प्रवेश करना पूरी तरह से वर्जित हो गया. बीते सालों तो चोरी छुपे धड़ल्ले से कटरुआ बीना और बेचा जाता है. लेकिन इस साल WCCB (वाइल्ड लाइफ़ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो) के अलर्ट के बाद से ही वन विभाग सख़्ती से निगरानी कर रहा है.

पुलिस ने मारा था छापा सख्ती की वजह से जंगल से कटरुआ को बाज़ार तक लाना मुश्किल हो गया है. बीते दिनों शहर के स्टेशन चौराहे पर कुछ लोग चोरी छुपे कटरुआ बेच रहे थे. लेकिन वन विभाग ने सख्ती दिखते हुए छापामार कार्रवाई कर तकरीबन 50 किलो कटरुआ बरामद किया था. इसके बाद से ही कटरुआ बाजार से नदारद नजर आ रहा है.

शाकाहारियों का मटन वैसे तो कटरुआ सब्ज़ी है, लेकिन इसे शाकाहारियों का मटन भी कहा जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि इससे पकाने का तरीका हूबहू नॉनवेज की तरह ही होता है. वहीं जानकारों की मानें तो यह सब्जी प्रोटीन समेत कई पोषक तत्वों से भरपूर होती है.

जंगल में घुसे तो कार्रवाई पूरे मामले पर अधिक जानकारी देते हुए पीलीभीत टाइगर रिज़र्व के डिप्टी डायरेक्टर नवीन खंडेलवाल ने बताया कि टाइगर रिजर्व क्षेत्र में अनाधिकृत प्रवेश पूरी तरह से वर्जित है. ग़ैरक़ानूनी तरीक़े से वन में प्रवेश कर कटरुआ बीनने व उसे बेचने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
.Tags: Ajab Gajab news, Local18, Pilibhit news, VegetableFIRST PUBLISHED : July 17, 2023, 18:42 IST

[ad_2]

Source link