कानपुर. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कानपुर (Kanpur) में जीका वायरस (Zika Virus) के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए मच्छरों की धर-पकड़ तेजी से जारी है. दिल्ली से पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम ने कन्टेनमेंट एरिया से 250 मच्छरों को पकड़कर जांच के लिए स्पेशल ट्रेन से दिल्ली भेजा है. बता दें पिछले दिनों नेशनल इंस्टीट्यूट आफ मलेरिया रिसर्च, दिल्ली में जांच के लिए भेजे गए मच्छरों में से एक में जीका वायरस मिलने की पुष्टि हुई थी. जिसके बाद यह स्पष्ट हो गया था कि जीका वायरस मच्छरों से फ़ैल रहा है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग के लिए अभी भी यह पहेली बना हुआ है कि मच्छरों में जीका वायरस कैसे पहुंचा.
स्वास्थय विभाग की टीम एयरफोर्स स्टेशन, लाल बंगला, हरजिंदर नगर, काजी खेड़ा, लालकुर्ती, जाजमऊ, काकोरी, शिव कटरा, आदर्श नगर, तिवारीपुर बगिया, पोखरपुर, जेके कालोनी, केडीए कालोनी, ओमपुरवा, गिरिजा नगर में हर घर से मच्छरों को पकड़ कर उनकी सैंपलिंग करवा रही है. बता दें कि सोमवार को एक भी नया मरीज नहीं मिला. मौजूदा समय में 89 मरीजों में संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है.
आज से कानपुर में ही होगी जीका वायरस की जांच स्वास्थय विभाग ने शहर में बढ़ते जीका वायरस के मामले के बाअद जांच किट मंगवा ली है. आज से कानपुर में ही जांच शुरू होगी. इससे पहले जांच के लिए सैंपल पुणे और लखनऊ भेजे जा रहे थे, जिसमें रिपोर्ट आने में देरी हो रही थी. गौरतलब है कि स्वास्थ्य विभाग लगातार कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग के साथ ही फॉगिंग व अन्य उपाय किए जा रहे हैं, जिससे मच्छरों के प्रकोप को कम किया जाए.
23 अक्टूबर को मिला था पहला मामलाउत्तर प्रदेश में जीका वायरस का पहला मामला कानपुर में मिलते ही शासन में खलबली मच गई थी. महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य ने राज्य स्तर के अधिकारियों का दल भेजा था, जबकि केंद्र सरकार का दल भी यहां आया था. जिलाधिकारी विशाख जी. अय्यर ने ने बताया इस संक्रमण की रोकथाम के लिए और खासकर इन मच्छरों को पकड़ने के लिए 6 सदस्य कमेटी बनाई गई है. डीएम के मुताबिक जीका वायरस संक्रमण का पहला मामला 23 अक्टूबर को भारतीय वायुसेना के एक अधिकारी में पाया गया था, तब से अब तक यह संख्या बढ़कर 89 हो गई है.
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