you want luxury life then you will work on Saturday, know everything from the astrology of Ayodhya – News18 हिंदी

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सर्वेश श्रीवास्तव/अयोध्याःहिंदू धर्म में सप्ताह का प्रत्येक दिन बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी देवता को समर्पित रहता है. हिंदू धर्म में शनिवार का दिन बेहद शुभ माना जाता है. धार्मिक मान्यता के मुताबिक इस दिन भगवान शनि देव की पूजा आराधना करने का विधान है. कहा जाता है शनिवार के दिन शनि की विधि विधान पूर्वक पूजा राधा करने से पूरा आशीर्वाद प्राप्त होता है. लंबे समय से शनि दोष से पीड़ित रहने वाले जातक या फिर किसी ऐसी समस्या से मुक्ति पाने के लिए उन्हें प्रत्येक शनिवार के दिन उपवास रखने का भी विधान है.

ज्योतिष गणना के मुताबिक कई लोग शनिवार के दिन भगवान शनि से जुड़े हुए उपाय भी करते हैं. आज हम आपको इस रिपोर्ट में बताते हैं कि शनिवार को अगर आप कुछ उपाय करते हैं तो जीवन में ऐशो आराम मिलेगा. अयोध्या के ज्योतिष पंडित कल्कि राम बताते हैं कि शनिवार का दिन शनि देव की पूजा के लिए समर्पित होता है. इस दिन शनि की पूजा आराधना करने से पूर्ण आशीर्वाद प्राप्त होता है. जो जातक लंबे समय से शरीर दोस्त से पीड़ित है. उन्हें शनिवार का उपवास करना जरूरी होता है. साथ ही पीपल के पेड़ के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए. इसके अलावा शनिवार के दिन शनि चालीसा का पाठ करना भी कल्याणकारी माना जाता है.

अनुसरण करने से आपको लाभ होगाशनि चालीसा में शनि देव की महिमा और उनके प्रभावों के बारे में बताया गया है. घर पर लोग शनि देव की मूर्ति नहीं रखते हैं.ऐसे में आप शनि मंदिर में शनिवार के दिन जाकर पूजन करें और शनि चालीसा का पाठ करें तो ज्यादा प्रभावी होगा. शनि चालीसा में शनि ग्रह को शांत कराने और शनि दोष से मुक्ति के उपाय भी बताए गए हैं. उनका अनुसरण करने से आपको लाभ होगा.

श्री शनि चालीसादोहाजय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल।दीनन के दुख दूर करि, कीजै नाथ निहाल॥जय जय श्री शनिदेव प्रभु, सुनहु विनय महाराज।करहु कृपा हे रवि तनय, राखहु जन की लाज॥

चौपाईजयति जयति शनिदेव दयाला।करत सदा भक्तन प्रतिपाला॥चारि भुजा, तनु श्याम विराजै।माथे रतन मुकुट छबि छाजै॥परम विशाल मनोहर भाला।टेढ़ी दृष्टि भृकुटि विकराला॥कुण्डल श्रवण चमाचम चमके।हिय माल मुक्तन मणि दमके॥कर में गदा त्रिशूल कुठारा।पल बिच करैं अरिहिं संहारा॥पिंगल, कृष्णो, छाया नन्दन।यम, कोणस्थ, रौद्र, दुखभंजन॥सौरी, मन्द, शनी, दश नामा।भानु पुत्र पूजहिं सब कामा॥जा पर प्रभु प्रसन्न ह्वैं जाहीं।रंकहुँ राव करैं क्षण माहीं॥पर्वतहू तृण होई निहारत।तृणहू को पर्वत करि डारत॥राज मिलत बन रामहिं दीन्हयो।कैकेइहुँ की मति हरि लीन्हयो॥बनहूँ में मृग कपट दिखाई।मातु जानकी गई चुराई॥लखनहिं शक्ति विकल करिडारा।मचिगा दल में हाहाकारा॥रावण की गति-मति बौराई।रामचन्द्र सों बैर बढ़ाई॥दियो कीट करि कंचन लंका।बजि बजरंग बीर की डंका॥नृप विक्रम पर तुहि पगु धारा।चित्र मयूर निगलि गै हारा॥हार नौलखा लाग्यो चोरी।हाथ पैर डरवायो तोरी॥भारी दशा निकृष्ट दिखायो।तेलिहिं घर कोल्हू चलवायो॥विनय राग दीपक महं कीन्हयों।तब प्रसन्न प्रभु ह्वै सुख दीन्हयों॥हरिश्चन्द्र नृप नारि बिकानी।आपहुं भरे डोम घर पानी॥तैसे नल पर दशा सिरानी।भूंजी-मीन कूद गई पानी॥श्री शंकरहिं गह्यो जब जाई।पारवती को सती कराई॥तनिक विलोकत ही करि रीसा।नभ उड़ि गयो गौरिसुत सीसा॥पाण्डव पर भै दशा तुम्हारी।बची द्रौपदी होति उघारी॥कौरव के भी गति मति मारयो।युद्ध महाभारत करि डारयो॥रवि कहँ मुख महँ धरि तत्काला।लेकर कूदि परयो पाताला॥शेष देव-लखि विनती लाई।रवि को मुख ते दियो छुड़ाई॥वाहन प्रभु के सात सुजाना।जग दिग्गज गर्दभ मृग स्वाना॥जम्बुक सिंह आदि नख धारी।सो फल ज्योतिष कहत पुकारी॥गज वाहन लक्ष्मी गृह आवैं।हय ते सुख सम्पति उपजावैं॥गर्दभ हानि करै बहु काजा।सिंह सिद्धकर राज समाजा॥जम्बुक बुद्धि नष्ट कर डारै।मृग दे कष्ट प्राण संहारै॥जब आवहिं प्रभु स्वान सवारी।चोरी आदि होय डर भारी॥तैसहि चारि चरण यह नामा।स्वर्ण लौह चाँदी अरु तामा॥लौह चरण पर जब प्रभु आवैं।धन जन सम्पत्ति नष्ट करावैं॥समता ताम्र रजत शुभकारी।स्वर्ण सर्व सर्व सुख मंगल भारी॥जो यह शनि चरित्र नित गावै।कबहुं न दशा निकृष्ट सतावै॥अद्भुत नाथ दिखावैं लीला।करैं शत्रु के नशि बलि ढीला॥जो पण्डित सुयोग्य बुलवाई।विधिवत शनि ग्रह शांति कराई॥पीपल जल शनि दिवस चढ़ावत।दीप दान दै बहु सुख पावत॥कहत राम सुन्दर प्रभु दासा।शनि सुमिरत सुख होत प्रकाशा॥

दोहापाठ शनिश्चर देव को, की हों भक्त तैयार।करत पाठ चालीस दिन, हो भवसागर पार॥

शनि देव की जय! शनि देव की जय! शनि देव की जय!
.Tags: Local18, Religion, ShanidevFIRST PUBLISHED : March 30, 2024, 11:00 ISTDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.



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