वाराणसी. यूपी के वाराणसी में अब किसान ट्रेंड से अलग हटकर खेती कर रहे हैं. धान और सब्जियों की खेती को छोड़ वाराणसी के किसान स्ट्रॉबेरी, मोती और हनी की खेती कर अच्छी कमाई कर रहे हैं. लेकिन इन सब से इतर वाराणसी के सेवापुरी के किसान राधेश्याम कश्मीर में उगने वाले सेब को काशी की धरती से उगा रहे हैं. हर साल राधेश्याम इससे लाखों रुपये तक की कमाई कर रहे हैं.
सेवापुरी ब्लॉक के करधना गांव के राधेश्याम ने साल 2019 में इसकी शुरुआत की थी. उस समय उन्होंने अपने जमीन पर ट्रायल के तौर पर सिर्फ 50 पेड़ लगाए थे. यूट्यूब पर बताए गए ट्रिक के बाद दूसरे साल में ही उनके पेड़ो से पहले फूल और फिर फल लग गए. फिर देखते ही देखते फल की साइज भी बढ़ी और वे कश्मीर के सेब की तरह लाल हो गए.
10 लाख रुपए का होगा मुनाफाइसके बाद राधेश्याम ने 450 पेड़ और लगाए. जिसमें अब फल भी खिलने लगे है. राधेश्याम के लगाए पेड़ो से साल में करीब 10 लाख रुपये से अधिक की फसल पैदा हो रही. जो लोग कभी राधेश्याम का मजाक बनाया करते थे आज वो उनसे इसकी तकनीक भी पूछ रहे हैं.
90 क्विंटल तक होगा उत्पादनआंकड़ों के अनुसार, काशी में सेब के इन पेड़ों से हर सीजन में 15 से 18 किलो सेब पैदा हो रहे हैं. इस लिहाज से देखा जाए तो 500 पेड़ो से करीब 80 से 90 क्विंटल सेब का उत्पादन हो रहा है. बाजार में यह सेब 110 से 130 रुपए प्रति किलो तक बिक रहा है. बाजार में इसकी अच्छी खासी डिमांड भी है.
लोग उड़ाते थे मजाकराधेश्याम के बेटे ध्रुव पटेल ने बताया कि जब उनके पिताजी ने इसकी शुरुआत की थी तो हर कोई गांव में उनका मजाक उड़ाया करते थे. इतना ही नहीं दूसरे किसान इसे समय की बर्बादी भी बताते थे लेकिन अब जब इससे सेब उग रहे हैं तो हर कोई हैरान भी है. क्योंकि सेब हमेशा ठंडे प्रदेशो में उगता है लेकिन अब 35 से 40 डिग्री सेल्सियस वाले गर्म प्रदेश में भी इसकी पैदावार हो रही है.
Tags: Agriculture, Local18, Uttar Pradesh News Hindi, Varanasi newsFIRST PUBLISHED : September 4, 2024, 17:33 IST