रिपोर्ट: सृजित अवस्थी
पीलीभीत: देश को आजादी दिलाने वाले स्वाधीनता संग्राम में पीलीभीत का भी अहम योगदान रहा है. यहां के कई क्रांतिकारियों ने अपने प्राणों की आहुति देखर देश की गुलाम बेड़ियों के काटा था. आपको एक ऐसे ही स्वतंत्रतता संग्राम के सेनानी से परिचय कराने जा रहे हैं, जो गैस चौराहे पर ब्रिटिश पुलिस के लाठीचार्ज में शहीद हुए थे.
दरअसल, पीलीभीत में जब भी स्वतंत्रता संग्राम की बात की जाती है, तो शहीद दामोदर दास का नाम जरूर याद किया जाता है. अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ शहीद दामोदर दास के नेतृत्व में कई आंदोलन चलाए गए. अंग्रेजों भारत छोड़ो अंदोलन का पीलीभीत में शहीद दामोदर दास जी ने ही नेतृत्व किया था. दामोदर दास के आंदोलन के साथी जय सिंह के पुत्र जसवंत सिंह ने NEWS18 LOCAL से खास बातचीत की. जसवंत सिंह जी ने बताया कि 1942 में गांधी जी के आह्नान देशभर में चलाया जा रहा आंदोलन अंग्रेजों भारत छोड़ो अपने चरम पर था. अन्य शहरों की तरह पीलीभीत में भी स्वतंत्रता सेनानी बढ़-चढ़कर इस आंदोलन में हिस्सा ले रहे थे. क्रांतिकारी रेलवे स्टेशन से जुलूस लेकर शहर कोतवाली की ओर बढ़ रहे थे. जिसकी जानकारी अंग्रेजी फौज को लग गई. पुलिस ने गैस चौराहे पर जुलूस को घेर लिया और लाठीचार्ज कर दिया. उसी दौरान एक लाठी दामोदर दास के सिर पर लग गई थी और उनकी मौके पर ही मृत्यु हो गई थी.
शहादत ने चिंगारी का काम कियादामोदर दास की शहादत के बाद पीलीभीत में ये आंदोलन और भी तेज हो गया था. उनकी शव यात्रा के दौरान पुलिस से हुई झड़प में एक पुलिसकर्मी को अपनी जान गंवानी पड़ी थी, जिसके चलते जयसिंह और उनके कई साथियों को आजीवन कारावास की सजा दी गई थी. हालांकि, आजादी के बाद सभी को रिहा कर दिया गया.
महज 26 साल की उम्र में हुए थे शहीददामोदर दास शहर के एक कपड़ा व्यापारी के पुत्र थे. उनका जन्म सन 1916 में हुआ था. आंदोलन के दौरान दास जी शहर के ललित हरि आयुर्वेदिक महाविद्यालय के छात्र थे. सन 1942 में जब उनकी मृत्य हुई थी तब उनकी उम्र महज 26 साल थी.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: Pilibhit news, Uttar pradesh newsFIRST PUBLISHED : August 13, 2022, 14:24 IST
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