प्रयागराज. उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल एक याचिका पर जवाब देते हुए अभ्यर्थियों की बड़ी समस्या पर से पर्दा हटाया है. यूपी लोक सेवा आयोग ने जानकारी दी है कि यदि अभ्यर्थियों के किसी भर्ती परीक्षा में समान अंक आए हैं तो चयन में वरीयता आयु में वरिष्ठ अभ्यर्थी को दी जाएगी. अयोग के सवाल पर हाईकोर्ट ने कहा कि यदि कोई अभ्यर्थी ऐसे में जॉइन नहीं करता है तो पद खाली रहने की स्थिति में याची की नियुक्ति पर विचार किया जाए.
गौरतलब है कि प्रशांत माहेश्वरी ने हाईकोर्ट में याचिका लगा कर कहा था कि वह सहायक प्रोफेसर फार्मोकोलॉजी मेडिकल की भर्ती में शामिल हुआ था. सामान्य श्रेणी अभ्यर्थी के तौर पर उसे 70 अंक मिले थे. उसने कोर्ट में बताया कि उसके साथ ही विजय कुमार सिंह, दिव्या यादव, पारूल कमल को भी 70 अंक मिले. लेकिन उन्हें सामान्य श्रेणी मानते हुए नियुक्त कर दिया, लेकिन याची को नहीं.
आयोग ने ये दिया जवाबयाचिका पर आयोग ने कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर बताया कि विजय कुमार सिंह को 72 अंक मिले, वहीं दिव्या और पारूल को 70 अंक मिले थे. ऐसे में दिव्या और पारूल दोनों की ही उम्र याची से ज्यादा है. इसलिए उन दोनों को नियुक्ति दी गई. आयोग ने बताया कि 3 मार्च 2005 की नीति के अनुसार एक समान अंक पाने पर वरिष्ठ अभ्यर्थी को नियुक्ति में वरीयता दी जाएगी.
याची ने भी जताई सहमतिइस पर याची ने भी सहमति जताते हुए कहा कि इन सभी ने जॉइन नहीं किया है. आयोग ने बताया कि संस्तुति सरकार को भेजी गई है. ऐसी सूचना नहीं दी गई है. यदि ऐसा होता तो याची की नियुक्ति पर विचार किया जा सकता है. इस पर कोर्ट ने कहा कि ऐसी स्थिति होने पर याची सरकार के समक्ष अपनी मांग रखे. जस्टिस सौरभ श्याम शमशेरी की सिंगल बेंच ने याचिका को निरस्त करते हुए ये आदेश दिया.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: Allahabad high court, UPPSCFIRST PUBLISHED : May 04, 2022, 16:28 IST
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