Last Updated:March 20, 2025, 18:32 ISTgalaxy mystery: ब्रह्मांड से जुड़ी जानकारी लोगों के लिए हमेशा से रोचक विषय रही है. वैज्ञानिक और रिसर्चर समय-समय पर इससे जुड़े रिसर्च करते रहते हैं.X
शोध की सबसे बड़ी चुनौती यह होती है कि,गोरखपुर: अंतरिक्ष में फैली अनगिनत आकाशगंगाओं के रहस्य अब गोरखपुर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की निगरानी में हैं. दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञान विभाग के शोधार्थी उन गैलेक्सियों पर शोध कर रहे हैं, जिनमें एक साथ जन्मे तारे समूह में विचरण करते हैं. उत्तर प्रदेश क्षेत्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद ने इस महत्वपूर्ण अध्ययन के लिए विश्वविद्यालय को चुना है.
गैलेक्सी के निर्माण और तारों के विकास पर शोध इस शोध का नेतृत्व भौतिक विज्ञान विभाग की सहायक आचार्य डॉ. अपरा त्रिपाठी कर रही हैं. उनकी टीम यह पता लगाने में जुटी है कि तारागुच्छ (स्टार क्लस्टर) किस प्रकार आकाशगंगा की संरचना और विकास में योगदान करते हैं और कैसे समय के साथ नए तारों के समूह बनते हैं जो बाद में नई गैलेक्सी का निर्माण कर सकते हैं.
शोधकर्ता इस अध्ययन में आधुनिक सांख्यिकीय और कम्प्यूटेशनल तकनीकों’ का उपयोग कर रहे हैं, जिससे तारागुच्छों से जुड़ी पुरानी रिसर्च में आई विसंगतियों को दूर किया जा सके. शोध के लिए स्पेस टेलीस्कोप और ग्राउंड-आधारित ऑप्टिकल और इन्फ्रारेड टेलीस्कोप का इस्तेमाल किया जाएगा.
तारों की गूढ़ दुनिया की पड़ताल डॉ. अपरा त्रिपाठी के अनुसार, तारागुच्छ खगोल विज्ञान की प्रयोगशाला की तरह होते हैं. यह अध्ययन वैज्ञानिकों को यह समझने में मदद करेगा कि ‘तारे जन्म कैसे लेते हैं, कैसे विकसित होते हैं और अंत में उनका क्या हश्र होता है. शोध की सबसे बड़ी चुनौती यह होती है कि किसी विशेष तारे को गैलेक्सी का वास्तविक हिस्सा मानें या उसे केवल एक ‘दृष्टिभ्रम (ऑप्टिकल इल्यूजन) समझें, जो सिर्फ पास नजर आता है लेकिन वास्तव में दूर होता है.
शोध टीम और उनका योगदानडॉ. अपरा त्रिपाठी के नेतृत्व में इस शोध कार्य में डॉ. सौरभ शर्मा, डॉ. नीलम पवार, डॉ. रामाकांत यादव और बृजेश कुमार शामिल हैं. विश्वविद्यालय प्रशासन भी इस शोध को पूरा सहयोग दे रहा है. कुलपति ‘प्रो. पूनम टंडन’ ने इस अध्ययन को, गोरखपुर विश्वविद्यालय के लिए ऐतिहासिक और महत्वूपर्ण बताया है. उन्होंने कहा कि, यह शोध आकाशगंगा और ब्रह्मांड की संरचना को समझने में एक बड़ा योगदान देगा.
इस रिसर्च से जुड़े निष्कर्ष भविष्य में ‘गैलेक्सी निर्माण और अंतरिक्ष के रहस्यों को समझने की दिशा में अहम भूमिका’ निभा सकते हैं. यह अध्ययन सिर्फ गोरखपुर विश्वविद्यालय ही नहीं, बल्कि पूरे भारत के खगोल विज्ञान क्षेत्र के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है.
Location :Gorakhpur,Uttar PradeshFirst Published :March 20, 2025, 18:32 ISThomeuttar-pradeshयूपी की इस यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट खोजेंगे गैलेक्सी का रहस्य