Last Updated:March 12, 2025, 17:10 ISTBala Tripura Sundari Devi Temple Saharanpur: देश में तमाम देवी-देवताओं के मंदिर औऱ स्थान हैं. इन सभी की अपनी-अपनी मान्यताएं हैं जिन पर वहां के स्थानीय लोगों के साथ ही देश भर के लोगों का विश्वास होता है. ऐसा ही …और पढ़ेंX
भक्ति से प्रसन्न होकर नमक के बोरे में हिमाचल चली गई थी मां त्रिपुर बाला सुंदरीसहारनपुर: मां दुर्गा की शक्ति का चमत्कार देखना है तो सहारनपुर के ऐतिहासिक शहर देवबंद चले आइए. मान्यता है कि यहां पर मां दुर्गा के श्री त्रिपुर मां बाला सुंदरी देवी स्वरूप के मंदिर में लोगों की मनोकामना पूरी होती है. भक्तों का मानना है कि हर साल चैत्र माह की चतुर्दशी को यहां पर देवी मां तेज आंधी और बारिश के साथ मंदिर में प्रवेश करती हैं. मां तीन दिन तक मंदिर में ठहराव कर अपने भक्तों की हर मनोकामना को पूर्ण करती हैं. हर साल चैत्र मास की चतुर्दशी पर शक्तिपीठ पर मेले का आयोजन किया जाता है.
उत्तर भारत के इस मेले में देश के कोने-कोने से लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं और अपनी-अपनी मन्नतें मांगते हैं. मां बाला सुंदरी अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं, ऐसा लोगों में अटूट विश्वास है. मां श्री त्रिपुर बाला सुंदरी की पावन शक्तिपीठ आदि-अनादि काल से यहां स्थित है. शक्तिपीठ के गर्भ गृह का निर्माण कब और किसने कराया यह अज्ञात भाषा में उत्कीर्ण है, जिसे आज तक पढ़ा नहीं जा सका है.
मां भवानी राज राजेश्वरी मां श्री त्रिपुर बाला सुंदरी मां महाशक्ति जगदंबा का रूप है. ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीन पुर (शरीर) जिनमें हैं, वह त्रिपुर बाला है. तंत्र सार के मुताबिक, मां राजेश्वरी त्रिपुर बाला सुंदरी सुबह सूर्यमंडल की आभा वाली है, उसके चार भुजा और तीन नेत्र हैं. वह अपने हाथ में पाश, धनुष-बाण और अंकुश लिए हुए हैं और मस्तक पर बालचंद सुशोभित है. मां त्रिपुर बाला सुंदरी की उपासना करने वालों को भोग और मोक्ष दोनों प्राप्त होते हैं. मां श्री त्रिपुर बाला सुंदरी यहां पिंडी के रूप में विराजमान है.
भक्ति से प्रसन्न होकर बोरे में बैठकर चली गई थी मां त्रिपुर बाला सुंदरीमंदिर के पुजारी विजय शर्मा ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि अज्ञातवास के समय पांडवों ने कुछ समय यहां बिताया और अर्जुन ने शक्ति साधना की जिससे प्रतीत होता है कि यह महाभारत कालीन मंदिर है. कहानी यह है कि एक बनिया नमक का कारोबार किया करता था. उसकी भक्ति से प्रसन्न होकर मां उसके नमक के बोरे में बैठकर उसके साथ त्रिलोकपुर हिमाचल में चली गई थी और वहां पर भी मां त्रिपुर बाला सुंदरी का भव्य मंदिर बना है. जब भी यहां पर मेले का आयोजन होता है तो आंधी तूफान बारिश के साथ मां इस मंदिर में आकर विराजमान होती हैं. इसके साथ ही जब मेला समाप्त हो जाता है तो आंधी तूफान के साथ ही मां वापस हिमाचल के त्रिलोकपुर चली जाती हैं. मेले में लाखों श्रद्धालु दूर-दूर से आकर मां के दर्शन करते हैं और जो भी मनोकामनाएं मांगते हैं उनकी वह मनोकामनाएं पूर्ण भी होती हैं.
Location :Saharanpur,Uttar PradeshFirst Published :March 12, 2025, 17:10 ISThomefamily-and-welfareतेज आंधी के साथ आती हैं मां दुर्गा, यूपी के इस मंदिर में लगती है भारी भीड़