यूपी के इस बगावती जिले की लंदन तक है बागी पहचान, इतिहासकार ने दी ये बेहतरीन जानकारी

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यूपी के इस बगावती जिले की लंदन तक है बागी पहचान, इतिहासकार ने दी ये बेहतरीन जानकारी

रिपोर्ट- सनन्दन उपाध्याय

बलिया: एक ऐसा पावन पवित्र जिला जहां की मिट्टी में एक अलग सुगंध और सुकून भरा है. एक ऐसी धरती जिसने महान ऋषि भृगु को मोक्ष दे दिया. यही नहीं एक प्रख्यात गीत इस धरती के महत्व को देश दुनिया में एक अलग पहचान देता है. कहते हैं “जेकर लंदन तक ले गुज गईल आवाज ए भईया, बागी बलिया ह भारत के सरताज ए भईया… आइए जानते हैं कण-कण में बसे बगावती तेवर की धरती के इतिहास को लेकर क्या कहते हैं डॉ. शिव कुमार सिंह कौशिकेय.

प्रख्यात इतिहासकार डॉ. शिव कुमार सिंह कौशिकेय बलिया उत्तरप्रदेश का एक ऐसा जनपद है जिसकी पहचान लंदन तक “बागी” के रूप में है. सवाल – आखिर, “क्यों बलिया को बागी बलिया कहा जाता है”. पौराणिक काल के ऋषि महर्षि भृगु से इसकी कहानी शुरू होती है. जिन्होंने देवताओं के पालनहार विष्णु को लात मार करके नींद से जगाया था.

बलिया की बगावत का पहला उदाहरणइस कड़ी को योद्धा अमर शहीद मंगल पांडेय ने सन 1857 की क्रांति के रूप में आगे बढ़ाया. जिन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य के सैनिक अफसरों पर गोली चलाकर और भारत में स्वतंत्रता आंदोलन का आगाज किया था. आज अमर शहीद मंगल पांडेय का नाम बड़े गर्व और सम्मान से लिया जाता है.

बलिया की बगावत का दूसरा उदाहरणबलिया को “बागी” इसलिए भी कहा जाता है कि “बलिया गंगा और घाघरा दो नदियों के बीच में बसा हुआ जनपद है और हमेशा यह क्रांतिकारी कदम उठाता रहा है. सन 1942 की बात करें तो “बलिया पूरे देश से 5 साल पहले आजाद हो गया था”. बलिया की जनता ने ही अपने जिले को अहिंसात्मक आंदोलन के रूप में आजाद कराया. “यहां के कण-कण में बगावत है”.

बलिया की बगावत का तीसरा और प्रख्यात उदाहरणसन 1975 में जब प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाया तो उस समय बलिया धरती पर दो ऐसे बागी हुए जिनकी एक आवाज पर पूरे जिले के युवा किसी भी आग में कूदने को बेताब थे. एक नाम चंद्रशेखर सिंह तो दूसरा नाम लोकनायक जयप्रकाश नारायण का था. दोनों ने भारत की सत्ता के खिलाफ समग्र क्रांति का बिगुल फूका और इंदिरा जी को सत्ता से बाहर जाना पड़ा. यही नहीं सबसे बड़ी खासियत “बलिया को बागी क्यों कहा जाता है?. यह प्रश्न आईएएस/पीसीएस के इन्टरव्यू में भी पूछे जाते हैं.
Tags: Local18FIRST PUBLISHED : September 29, 2024, 16:59 IST

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