रामपुर: यूपी के रामपुर जनपद को नवाबों की नगरी कहा जाता है, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि यह शहर आमों के लिए भी मशहूर रहा है. इतिहासकार आरिफ खान बताते हैं कि रामपुर के नवाबों ने कई आम के बाग लगाए थे, जो आज भी हरे-भरे हैं. यहां के आमों की देश-विदेश में जबरदस्त मांग है.
400 एकड़ में फैला है बाग
इतिहासकार ने बताया कि रामपुर का सबसे पहला कोठी खास बाग है, जो लगभग साढ़े 400 एकड़ में फैला है. इसमें कभी नवाबों का महल था, लेकिन अब भी यहां करीब 50 हजार आम के पेड़ हैं. दूसरा बड़ा बाग लक्की बाग है, जो शाहबाद इलाके में है. इसे एक लाख वाले पेड़ का बाग भी कहा जाता है. इसके अलावा बेनजीर कुंडे का बाग है. साथ ही साथ कई दूसरे ऐतिहासिक आम के बाग भी मौजूद हैं.
जानें रामपुर के आमों की नस्लें
इतिहासकार के अनुसार रामपुर में उगाई जाने वाली आम की नस्लें बेहद खास हैं. यहां नवाबों ने नायाब नस्ल के आम तैयार करवाए, जिनमें लंगड़ा, तोतापरी, तुकमी, चुसनी आम, समर बहिश्त, लैली, फजरी, दशहरी जैसे नाम शामिल हैं. सबसेे खास बात ये है कि इन किस्मों में से कई ऐसे हैं, जो पूरे हिंदुस्तान में कहीं और नहीं पाई जाते हैं.
मिर्जा गालिब को भी यहां के आम दे पसंद
रामपुर और मलिहाबाद को आम उत्पादन में देश में अव्वल माना जाता है. इन दोनों जगहों के आमों की सप्लाई हर साल देश के बड़े शहरों के साथ-साथ गल्फ देशों जैसे दुबई, सऊदी अरब, जेद्दा तक होती है.इतिहास में भी रामपुर के आमों का जिक्र खास रहा है. मशहूर शायर मिर्जा गालिब को भी रामपुरी आम बेहद पसंद थे. ऐसे में कहा जाता है कि वे खासतौर पर यहां के आमों का स्वाद लेने आया करते थे.
आम के बागों की लौटी रौनक
आज भी जब आम का सीजन आता है, तो रामपुर के बागानों में रौनक लौट आती है. यहां से आम खरीदने व्यापारी दूर-दूर से आते हैं. यह सिर्फ एक फल नहीं, बल्कि रामपुर की परंपरा, स्वाद और नवाबी दौर की एक मीठी याद है. इस वजह से नवाबों के साथ ही यहां का आम भी दुनियाभर में मशहूर है.