यूपी का अनोखा स्कूल…जहां 5 शिक्षकों के बावजूद नहीं है कोई छात्र! इतने साल से नहीं हुआ कोई एडमिशन

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आशीष त्यागी/ बागपत. जब भी स्कूलों की बात आती हैं तो दिमाग में आता है बेंच से भरी हुई क्लास, प्लेग्राउंड, छात्रों का हुजूम. आज हम आपको कुछ बहुत ही अजीब स्कूल की जानकरी देते हैं. आपको जानकर हैरानी होगी की बागपत का एक स्कूल ऐसा है. जिसमें पांच शिक्षक तैनात हैं, लेकिन स्कूल में एक भी छात्र नहीं है.

यहां पिछले एक-दो महीने की बात नहीं हैं, बल्कि डेढ़ वर्ष से यहां किसी बच्चे का एडमिशन नहीं हुआ है, लेकिन उसके बावजूद भी 5 शिक्षकों की इस स्कूल में तैनाती की गई है. स्कूल के टीचर स्कूल में पहुंचते हैं और अपनी ड्यूटी पूरी कर घर लौट जाते हैं. छात्र स्कूल किस कारण नहीं आ रहे हैं ये तो सिर्फ स्कूल प्रशासन या अभिभावक ही जानते हैं. फिलहाल यह स्कूल पूरे प्रदेश में काफी चर्चा का केंद्र बना हुआ है.

1.5 साल से स्कूल में नहीं हैं एक भी छात्रबागपत मुख्यालय से करीब 16 किलोमीटर की दूरी पर अब्दुल्लापुर गांव है. यहां प्राथमिक विद्यालय में पिछले करीब डेढ़ वर्ष से एक भी बच्चे का दाखिला नहीं हुआ. इस बात को लेकर शिक्षा विभाग कितना गंभीर है इस बात का अंदाजा इस चीज से लगाया जा सकता है कि आज भी वहां 5 शिक्षकों की तैनाती की गई है, जो लगातार गांव में जाकर अभिभावकों को स्कूल में बच्चों के एडमिशन लेने के लिए जागरूक कर रहे हैं, लेकिन उन्हें डेढ़ वर्षो में सफलता नहीं मिली है.

चर्चा का केंद्र बना हुआ हैं स्कूलग्रामीण संजय प्रशांत लीलू कुमार का कहना है कि गांव के बच्चों का इस सरकारी स्कूल में नामांकन कराया गया था. परंतु इस स्कूल में बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं मिल पाई. जिस कारण मैने अपने बच्चों को स्कूल जाने से रोका और अलग स्कूल में उनका एडमिशन करा दिया. फिलहाल अब्दुल्लापुर गांव का यह स्कूल प्रदेश भर में चर्चाएं का केंद्र बना हुआ है. यह प्रदेश का ऐसा स्कूल है, जिसमें एक भी छात्र का एडमिशन नहीं है. अब देखना यह होगा कि कब तक आखिर यह स्कूल बिन बच्चों के रहेगा?

मजदूरों के बच्चों ने भी छोड़ दिया स्कूलबागपत की बेसिक शिक्षा अधिकारी आकांक्षा रावत का कहना हैं कि लगातार प्रयास किया जा रहा है कि इस स्कूल में छात्रों का एडमिशन हो . अब्दुल्लापुर गांव के समीप से गुजर रहे हाईवे पर काम करने वाले मजदूरों के बच्चे पहले स्कूल में पढ़ने जाते थे, लेकिन हाईवे का काम पूरा करने के बाद मजदूर यहां से चले गए जिससे उनके बच्चों ने स्कूल आना बंद कर दिया. बाकी गांव के अन्य परिवार संपन्न है. वह अपने स्कूल आने वाले बच्चों को अंग्रेजी मीडियम में पढ़ाना चाहते हैं, जिस कारण इस स्कूल में एक भी छात्र नहीं हैं.
.Tags: Baghpat news, Local18, OMG News, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : December 8, 2023, 18:52 IST



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