(ममता त्रिपाठी)लखनऊः उत्तर प्रदेश की योगी सरकार महिला सुरक्षा और उससे जुड़े मामलों को हमेशा ही गंभीरता से लेती है. इसी के तहत योगी आदित्यनाथ ने अपने पहले कार्यकाल में ही मिशन शक्ति की शुरुआत की थी, जिसके नतीजे भी सरकार के लिए बेहतरीन रहे थे. दूसरी बार सत्ता में आने के साथ ही 100 दिन का एजेंडा तय करते वक्त मुख्यमंत्री ने सारे विभागों को महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर किसी भी तरह की कोताही के लिए कड़े शब्दों में चेतावनी दे दी थी कि कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. दूसरी पारी में योगी आदित्यनाथ मिशन शक्ति के चौथे चरण की शुरुआत करने जा रहे हैं, जिसमें इस बार सिर्फ सुरक्षा ही नहीं बल्कि शिक्षा, रोजगार, स्वावलम्बन और सेल्फ डिफेंस भी शामिल है. कामकाजी महिलाओं के वर्क प्लेस पर पेश आने वाली दिक्कतों को भी इस बार ध्यान में रखा गया है.
सभी विभागों को इस बाबत अपने यहां काम करने के आदेश जारी हो चुके हैं. मुख्य सचिव ने महिलाओं के लिए एक पोर्टल बनाने का आदेश भी जारी किया है जिस पर सारी सूचनाएं एक जगह ही मिल जाएंगी. चूंकि अफसर ये भली भांति जानते हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद मिशन शक्ति की समीक्षा करते हैं इसलिए युद्ध स्तर पर इस योजना को लेकर काम किया जा रहा है.
…ताकि लड़कियां भी देख सकें सपनेइसी क्रम में शिक्षा विभाग ने राज्य के सरकारी प्राइमरी स्कूलों और जूनियर स्कूलों की एक दीवार को महिला नायिकाओं को समर्पित किया है, इन दीवारों पर रानी लक्ष्मी बाई, अहिल्या बाई होल्कर, वीरांगना ऊदा देवी, सावित्री बाई फुले, कल्पना चावला, पीटी ऊषा जैसी रोल मॉडल्स की संघर्ष गाथा को पेंट के जरिए उकेरा जाएगा ताकि इन स्कूलों में पढ़ने वाली लड़कियां भी सपने देख सकें, ऊंची उड़ान के बारे में सोच सकें. ये कार्यक्रम मिशन शक्ति के तहत किया जाएगा जिसका आयोजन 16 जून से 30 जून तक किया जाएगा. इन सारी महान महिला योद्धाओं की पेंटिग को दीवारों पर उतारते वक्त बच्चों की भी मदद ली जाएगी ताकि बच्चे शुरू से ही इस कार्यक्रम से जुड़ाव महसूस करें. स्कूलों में इससे संबंधित महिला सशक्तिकरण की प्रदर्शनी भी लगायी जाएगी जिसमें सरकार की महिलाओं को लेकर चल रही विभिन्न योजनाओं के बारे में भी बताया जाएगा.
अभिभावकों को कार्यक्रमों में बुलाने पर जोरराज्य परियोजना निदेशक अनामिका सिंह का कहना है कि हमारा प्रयास रहेगा कि अभिभावकों को इन कार्यक्रमों में बुलाया जाए. लिंगभेद से लेकर, कुपोषण, बच्चियों की सुरक्षा जैसे मामलों के बारे में उन्हें बताया जाएगा.15 जून तक ऑनलाइन सेल्फ डिफेंस की कक्षाएं भी चलायी जाएंगी. 1 जुलाई से 31 जुलाई तक स्थानीय महिलाओं को बुलाकर उनके अनुभवों के आधार पर नई नई चीजें इस कार्यक्रम में जोड़ी जा सकती हैं. 16 जुलाई से 30 जुलाई तक ब्लाक स्तर तक खेलकूद, जूडो कराटे, रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा ताकि बच्चे ज्यादा से ज्यादा संख्या में इस कार्यक्रम से जुड़ें.
एक भी लड़की बिना पढ़ाई के ना रहेयोगी सरकार का प्रयास है कि एक भी लड़की बिना पढ़ाई के ना रहे, इसीलिए लड़कियों का एडमिशन ज्यादा संख्या में हो इसके लिए स्कूलों को पुरस्कार भी दिया जाएगा. स्कूल चलो अभियान की शुरुआत इसी मंशा के साथ हुई है, जिसके तहत भीख मांगने वाली, ईंट भट्टों पर काम करने वाली, आर्थिक रूप से पिछड़ी बच्चियों के स्कूल एडमिशन पर सरकार जोर दे रही है. जो स्कूल ज्यादा एडमिशन करेगा उसे राज्य सरकार की तरफ से पुरस्कार भी मिलेगा.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: CM Yogi Aditya Nath, Uttar pradesh newsFIRST PUBLISHED : June 07, 2022, 14:42 IST
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