योगी का ‘हिट स्लोगन’.. कांग्रेस, एसपी और बीएसपी ‘बंटोगे तो कटोगे’ का विरोध कर रहे या प्रचार

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योगी का ‘हिट स्लोगन’.. कांग्रेस, एसपी और बीएसपी ‘बंटोगे तो कटोगे’ का विरोध कर रहे या प्रचार

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने बंटेगे तो कटेंगे का जो नैरेटिव सेट किया है, विपक्षी पार्टियां उससे बाहर निकलने में सफल होती नहीं दिख रही हैं. विपक्ष की ओर से जो भी नारे दिए जा रहे हैं वो किसी न किसी रूप में इसके इर्द-गिर्द ही घूमते दिख रहे हैं. ताजा नारा बीएसपी की ओर से दिया गया है – बीएसपी के साथ जुड़ेंगे तो आगे बढ़ेंगे और सुरक्षित रहेंगे.

योगी के इस नारे का जवाब कांग्रेस ने भी इसी तर्ज पर दिया था. कांग्रेस ने अपनी मुहब्बत की दुकान सजाते हुए पोस्टर लगाए – जुड़ेगे तो बढ़ेंगे. कहीं कहा गया जुड़ेंगे और जीतेगे. कांग्रेस के साथ शाना ब शाना होने का दावा करने वाले अखिलेश यादव ने भी इस नारे के असर को गंभीरता से लिया.

विरोध तो किया लेकिन नया नहीं दे सकेसमाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने इसके जवाब में जगह जगह पोस्टर भी लगाए- जुड़ेंगे और जीतेंगे. अखिलेश यादव का मुस्लिम वोट बैंक इस नारे से बिदक रहा था. लिहाजा उन्होंने योगी के नारे पर लंबा चौड़ा लेक्चर भी दिया. उन्होंने उसी वक्त कहा था कि ये नकारात्मक नारा है और इतिहास में इसे सबसे खराब नारे के तौर पर दर्ज किया जाएगा.

देश भर में गया योगी का संदेशयोगी आदित्य नाथ का ये नारा सिर्फ उत्तर प्रदेश तक ही महदूद नहीं रहा. महाराष्ट्र और झारखंड में भी इसकी गूंज सुनाई दी. लेकिन विपक्षी पार्टियों ने इससे हट कर कोई और नारा देने की जगह इसी के इर्द गिर्द नारे गढ़ने की कोशिश की. विपक्ष की इस कोशिश ने योगी आदित्यनाथ और उनके नारे को केंद्र में ला दिया.

नारे का विरोध या प्रचार उत्तर प्रदेश की राजनीति पर नजर रखने वाले भी मान रहे हैं कि इस नारे के विरोध में लगा हर पोस्टर दरअसल, योगी के नारे का प्रचार करता ही दिख रहा है. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पहले ही योगी के इस नारे की पुष्टि कर चुका है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक रहने का संदेश दे कर एक तरह से इसकी तसदीक ही करते नजर आए हैं.

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बीजेपी और उसके समर्थक संगठन उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में देख चुके हैं कि पिछड़ों और दलितों को लेकर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी नुकसान पहुंचा चुके हैं. अपने इस नारे के जरिए योगी हिंदू समाज में जातियों के विभाजन को रोकने की भी कोशिश कर रहे हैं. ये राज्य की उन 9 सीटों को जीतने के लिए बेहद जरुरी भी है. योगी की नजर फिलहाल इन्ही नौ सीटों पर है जहां उपचुनाव हो रहे हैं.

न्यूज 18 के उत्तर प्रदेश उत्तराखंड के एडिटर अरुण पांडेय कहते हैं -“योगी ने एक जबरदस्त नैरेटिव खड़ा किया है. कोई उससे बाहर निकल नहीं पा रहा है. भले ही इसे बहुत लोग मुसलमानों से जोड़ रहे हैं लेकिन इसका संदेश और आगे तक है.” मुख्यमंत्री ने देश भर में जिस तरह से अपने नारे की गूंज पहुंचाई है वो निश्चित तौर पर उनके समर्थकों को खुश करने वाला है. विपक्ष को इससे निकलने के लिए कोई नया नैरेटिव लाना चाहिए था. जिसमें फिलहाल तो वो सफल नहीं दिख रहा है.
Tags: CM Yogi Aditya Nath, UP Assembly Election UpdatesFIRST PUBLISHED : November 11, 2024, 12:11 IST

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