Last Updated:March 26, 2025, 21:11 ISTसीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने कार्यकाल को मुसलमानों के लिए सबसे सुरक्षित बताया, जिस पर सपा ने सवाल उठाए. लेकिन आंकड़े भी इस बात की गवाही दे रहे हैं कि योगी के शासनकाल में दंगे कम हुए हैं. आप खुद देखिए.यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ. (Photo-PTI)हाइलाइट्सयोगी ने अपने कार्यकाल को मुसलमानों के लिए सबसे सुरक्षित बताया.योगी सरकार में दंगे कम हुए, सपा ने दावों पर सवाल उठाए.आंकड़ों के अनुसार, योगी के कार्यकाल में दंगे कम हुए हैं.यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आठ साल के अपने कार्यकाल को मुसलमानों के लिए सबसे सुरक्षित बताया. ANI के साथ पॉडकास्ट में सीएम योगी ने कहा, जहां 100 परिवार हिंदू है वहां एक मुस्लिम परिवार रहता है तो वो सबसे ज्यादा सुरक्षित है. मुस्लिम परिवार को अपने हर मजहबी काम करने की छूट मिलती है. लेकिन दिक्कत तब होती है जब 100 मुस्लिम परिवार के बीच 50 हिंदू परिवार रहते हों. क्या नहीं रह सकते? यूपी में मुसलमान सबसे ज्यादा सुरक्षित है. सबसे ज्यादा सुरक्षित. अगर हिंदू सुरक्षित है तो वह भी सुरक्षित है. इस इंटरव्यू के जरिये सीएम योगी ने साफ संदेश दे दिया है अगर हिन्दू सेफ है तो सब सेफ है. लेकिन उनके आंकड़ों पर सवाल उठाए जा रहे हैं.
सपा पूछ रही कि एक योगी ये बात कैसे कर सकता है. तो हमें लगा क्यों ना योगी के बयान को आंकड़ों के तराजू पर तौला जाए. देख लिया जाए की योगी जो कह रहे हैं वो आंकड़ों के पैमाने पर सटीक है… या सिर्फ बयानबाजी है… तो सबसे पहले हमने उत्तर प्रदेश में हुए दंगों के आंकड़े आंकड़े निकाले. क्योंकि दंगों में ही सबसे ज्यादा आम लोगों की जान जाती है. हमने अखिलेश सरकार के पांच साल और योगी सरकार के पांच साल के आंकड़ों की तुलना की. आप खुद सच देखिए.
क्या कहते हैं आंकड़े
NCRB के मुताबिक 2012 से 2016 के बीच अखिलेश यादव की सरकार में उत्तर प्रदेश में कुल 815 दंगे हुए. यानी औसतन एक साल में 163 दंगे हुए. वहीं योगी आदित्यानाथ के शुरुआती पांच साल यानी 2017 से 2021 के बीच 231 दंगे हुए. यानी औसतन एक साल में 46 दंगे हुए.
उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ा संप्रादायिक हिंसा हुआ 1987 में…मेरठ दंगा…उस वक्त उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के वीर बहादुर सिंह मुख्यमंत्री थे…मीडिया रिपोर्ट्स कहती हैं कि उस दंगे में 400 लोगों की मौत हुई थी. पुलिस पर आरोप लगे कि अकेले हाशिमपुरा में 42 मुस्लिम युवकों को गोली मारकर हिंडन नदी और गंगा नहर में फेंक दिया गया. ये दंगा 30-35 दिनों तक चलता रहा.
फिर 2005 में मऊ में दंगा हुआ…उस वक्त उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे मुलायम सिंह यादव…सरकारी आंकड़े कहते हैं कि उस दंगे में 14 लोगों की मौत हुई…मऊ में 6 दिनों तक हिंसा होती रही.
2007 में गोरखपुर में दंगा हुआ…उस वक्त भी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ही थे…दंगा मोहम्मद अली रोड क्षेत्र में मकर संक्रांति के जुलूस के दौरान विवाद के बाद हुआ….आंकड़े कहते हैं कि उस हिंसा 3 लोगों की जान गई। गोरखपुर 3-4 दिनों तक जलता रहा.
2013 में मुजफ्फरनगर दंगा हुआ…उस वक्त उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे अखिलेश यादव…सरकारी आंकड़े कहते हैं कि 62 लोगों की इस दंगे में जान गई…50,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए..10 से 12 दिनों तक मुजफ्फरपुर और आसपास का इलाका जलता रहा.
योगी की कानून व्यवस्था का फैक्ट चेकबीते 8 साल से उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार है…लेकिन ऐसी एक भी घटना बीते 8 साल में नहीं हुई. बहराइच में बीते साल मां दुर्गा की मूर्ति विसर्जन के दौरान हिंसा फैली था…और उसमें एक शख्स की जान भी गई थी…लेकिन पूरा मामला कुछ घंटों में संभाल लिया गया था. यानी मुसलमानों की सुरक्षा को लेकर योगी आदित्यनाथ ने जो दावा किया है…आंकड़े उसकी तस्दीक करते हैं…लेकिन जो सवाल आज गूंज रहा है…वो ये कि मुसलमान अगर सुरक्षित हैं तो असुरक्षा की भावना कहां से आ रही है?
Location :New Delhi,New Delhi,DelhiFirst Published :March 26, 2025, 21:11 ISThomeuttar-pradeshयोगी का क्लियर संदेश, हिंदू सेफ तो सब सेफ, लेकिन आंकड़ों पर क्यों क्लेश?