आशीष त्यागी/बागपत: बागपत में इन दिनों यमुना उफान पर है, जलस्तर बढ़ने के साथ किसानों की फसलें भी बर्बादी की कगार पर हैं, यमुना का जलस्तर फिलहाल खतरे के निशान से 1.6 मीटर ऊपर बह रही है. मंगलवार सुबह ही तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से यमुना का जलस्तर इतना बढ़ गया कि किसानों की हजारों बीघा फसल जलमग्न हो गई. वहीं 1 दर्जन से अधिक गांवों पर खतरा बना हुआ है. लगातार अधिकारी भी जलस्तर बढ़ने से प्रभावित हुए यमुना खादर का दौरा कर रहे हैं और लोगों से यमुना खादर के पास ना जाने की अपील कर रहे हैं.
इन दिनों पहाड़ों में लगातार बरसात हो रही है जिसका पानी हथिनी कुंड बैराज पर पहुंचता है. हथिनी कुंड बैराज पर पानी अधिक होने के चलते उसे यमुना में छोड़ दिया जाता है. यमुना में पानी जब बागपत पहुंचा तो उसने तबाही मचानी शुरू कर दी. पानी की रफ्तार इतनी तेज है कि किसानों की फसल बह गई. बागपत में किसानों की करीब एक हजार बीघा फसल इस समय जलमग्न है और खराब होने की कगार पर है. वही किसानों के खेतों में पानी भरा है और पानी गांव की तरफ बढ़ रहा है.
निचले इलाको में मंडरा रहा बाढ़ का खतरा
क्षेत्र के गांव निवाड़ा, सिसाना, गौरीपुर, बागपत, पुराना कस्बा, काठा, पाली, साकरोदा, सुभानपुर महनवा में इन दिनों हाई अलर्ट है. लोगों से यमुना खादर में ना जाने की अपील की जा रही है.डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह व एसपी अर्पित विजयवर्गीय ने टांडा क्षेत्र में पहुंचकर जलस्तर बढ़ने से हुए नुकसान का जायजा लिया और किसानों से बातचीत की. छपरौली क्षेत्र के कई गांव में यमुना का जलभराव में सामान बहने लगा है और यमुना के पानी में मगरमच्छ और सांप भी बहकर आ रहे हैं. सभी को यमुना खादर में न जाने की अपील की गई.
हेल्पलाइन नंबर जारी
डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि पिछले 12 घंटे में कुछ जलस्तर कम हुआ है. जिससे घबराने की कोई बात नहीं है. वहीं अधिकारियों ने बाढ़ चौकियों को भी अलर्ट किया है और बागपत में हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं. किसी भी स्थिति से निपटने के लिए अधिकारी पूर्ण रूप से तैयार हैं.
.Tags: Hindi news, Local18, Yamuna RiverFIRST PUBLISHED : July 11, 2023, 18:25 IST
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