निर्मल कुमार राजपूत/मथुरा: भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का दर्शन आपको ब्रज के कण-कण में देखने को मिल जायेगा. लाला की छठी पूजन से भी इस मंदिर की मान्यता जुडी है. कहा जाता है कि भगवान का छठी पूजन यहीं हुआ था. यहां एक ऐसा वृक्ष है, जो कि कृष्ण के छठी पूजन के साथ बड़ा हुआ और आज भी उस समय की याद दिलाता है. मान्यता है कि इस वृक्ष को प्रणाम करने से सभी मनोकामनायें पूर्ण हो जाती हैं.
श्री कृष्ण के छठी पूजन के समय का है वटवृक्षबता दें कि ब्रज के कण-कण में भगवान कृष्ण के बाल्यावस्था के अनेकों लीलाओं के दर्शन आपको हो जाएंगे. श्री कृष्ण ने बाल्यावस्था से ही यहां अपनी लीलाओं को दिखाना शुरू कार दिया था. कहीं श्री कृष्ण ने पटना का वध किया तो कहीं श्री कृष्ण ने बगुला असुर को मार गिराया. एक मान्यता यहां भगवान श्री कृष्ण के छठी पूजन से भी जुड़ी हुई है. यह एक वृक्ष भगवान श्री कृष्ण के उसे छठी पूजन को याद दिलाता है.
मंदिर के पुजारी ने बतायागरुण गोविंद मंदिर के पुजारी संतोष कुमार ने बताया कि यहां मंदिर की मान्यता भगवान श्री कृष्ण के छठी पूजन से जुड़ी हुई है. छटीकरा गांव का नाम श्री कृष्ण के छठी के समय से ही रखा चला आ रहा है. उन्होंने बताया कि मंदिर के मुख्य गेट पर यहां एक विशाल वट वृक्ष खड़ा हुआ है. मान्यता के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि यह वट वृक्ष श्री कृष्ण की छठी पूजन के समय से चला आ रहा है. कहा यह भी जाता है कि यह वृक्ष भगवान श्री कृष्ण के छठी पूजन के समय से ही बड़ा होना शुरू हुआ था. श्री कृष्ण से यह पेड़ बहुत बड़ा है.
मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं श्रद्धालुयहां मंदिर पर हर दिन हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं. इस मंदिर में दर्शन के बाद इस वट वृक्ष पर भी अपना मस्तक जरुर झुकाते हैं. कहा जाता है कि यह वट वृक्ष का पेड़ श्री कृष्ण की सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करता है.
दर्शन करने से चिंता होती है दूरइस वट वृक्ष से भगवान श्री कृष्ण के यहां होने का आभास प्राप्त होता है. वट वृक्ष के नीचे बैठकर जो भी श्रद्धालु 5 मिनट भगवान का ध्यान करता है, उसके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. मान्यता के अनुसार यहां गरुड़ गोविंद मंदिर पर जो भी भक्त दर्शन के पश्चात इस वट वृक्ष के नीचे बैठकर भगवान का ध्यान करता है, उसकी सभी मनोकामना पूर्ण होती है.
Tags: Local18, Mathura hindi news, Mathura newsFIRST PUBLISHED : July 11, 2024, 10:36 IST