अंजू प्रजापति /रामपुर: श्रद्धालु अपनी मन्नत लेकर मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा पहुंचकर सजदा करते हैं. कई धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं की सभी मन्नतें भी पूरी होती हैं. ऐसे ही सालों पुरानी एक मजार रामपुर के कोसी का पुल मंसूरपुर में है, जहां मुस्लिम समुदाय के लोग अपनी मन्नतें लेकर जाते और खाली हाथ वापस नहीं लौटते हैं.
दरगाह शरीफ पर बृहस्पतिवार को काफी संख्या में अकीदतमंदों का रेला उमड़ता है. मस्जिद पर दर्शन करने के लिए आधे हिंदुस्तान से लोग हाजिरी देकर इस आस्ताने का शरीफ प्राप्त करते हैं. इस दरगाह में चादर पोशी का सिलसिला दिनभर चलता रहता है. भारत अलग-अलग तरीकों से सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल पेश करता है. ऐसा ही एक उदाहरण हमारे रामपुर शहर में देखने को मिलता है. इस दरगाह पर हर मजहब और हर धर्म के लोग सजदा करने आते हैं.
मेहंदी-सेहरा चढ़ाने से पूरी होती है कुंवारों की मन्नतदरगाह के सज्जादानशीन निजाम बताते हैं कि इसे दरगार शरीफ के नाम से जानते हैं, जो अन्य मस्जिदों से बिल्कुल अलग है. इसका निर्माण करीब 250 से 300 वर्ष पूर्व किया गया था. इस दरगाह की ऐसी मान्यता है कि यहां मेहंदी और सेहरा चढ़ाने से कुंवारों की शादी होती है. ऐसे हजारों किस्से यहां पूरे हुए हैं. कोसी का पुल मंसूरपुर में बेहद प्राचीन दरगाह है. शहर में वैसे तो बीस से अधिक मस्जिदें हैं. लेकिन, इन सब में यह रामपुर की सबसे पुरानी मस्जिदों में से एक मानी जाती है. इस दरगाह के इमाम कहना है यहां सामने से गुजरने वाली ट्रेन भी सालों से इस दरगाह पर सीटी बजाकर सलामी देकर जाती है.
Tags: Local18, Rampur news, UP newsFIRST PUBLISHED : August 13, 2024, 09:57 ISTDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.