अभिषेक जायसवाल/वाराणसी. सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है. इस महीने में तमाम मंदिरों में भक्तों की भीड़ होती है. महादेव के शहर बनारस में कई अद्भुत महाशिवलिंग हैं. इन्ही में से है एक है गौरी केदारेश्वर मंदिर जिनकी महिमा अपरंपार है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस शिवलिंग के दर्शन से उत्तराखंड के केदारनाथ दर्शन के बराबर फल मिलता है.
इस चमत्कारिक महाशिवलिंग की बात करें तो खिचड़ी से यहां भगवान भोले शिवलिंग स्वरूप में प्रकट हुए थे. काशी के इस धाम में देशभर से श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं. सावन के महीने के अलावा प्रत्येक सोमवार को यहां भक्तों की भारी भीड़ होती है.
नहीं मिलता भैरव यातनामंदिर के महंत परिवार से जुड़े अनुराग मिश्रा ने बताया कि भगवान शिव की नगरी काशी तीन शूल पर बसी है. इसके पहले खंड को केदारखंड, बीच के खंड को विशेश्वर और उत्तर भाग को ओमकालेश्वर कहा जाता है. धार्मिक मान्यताओं के केदारखंड में भैरव यातना भी नहीं मिलती, इसलिए केदारनाथ में गौरी केदारेश्वर के दर्शन से मोक्ष की प्राप्ति होती है.
ये है धार्मिक कथाधार्मिक कथाओं के अनुसार, भगवान राम के वंशज राजा मानदाता भगवान शिव के परम भक्त थे. वे नित केदारनाथ के दर्शन को जाते थे और भगवान को खिचड़ी का भोग लगाते थे. भगवान शिव के कहने पर ही वो काशी आए और यहां कड़ी तपस्या की. उनकी तपस्या से भगवान शिव प्रसन्न हुए और खिचड़ी से प्रकट हुए, जिन्हें गौरी केदारेश्वर के नाम से जाना जाता है. काशी के इस मंदिर में महादेव 15 कला में विराजमान है.
.Tags: Latest hindi news, Local18, Sawan, Sawan somvar, UP news, Varanasi newsFIRST PUBLISHED : July 10, 2023, 13:00 IST
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