यहां कंकड़ से कुष्ठ रोग के ठीक होने की है मान्यता, भगवान परशुराम के माता-पिता का है प्रताप

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यहां कंकड़ से कुष्ठ रोग के ठीक होने की है मान्यता, भगवान परशुराम के माता-पिता का है प्रताप

रिपोर्ट- आशीष त्यागी

बागपतः प्राचीन सिद्ध पीठ तपोभूमि भगवान परशुराम धाम बालैनी क्षेत्र में स्थित है. इस धाम का इतिहास त्रेता युग से जुड़ा हुआ है. यहां पर भगवान परशुराम के माता-पिता रहते थे ओर जो घड़ा वो प्रयोग में लाते थे उस घड़े को वहीं पर फोड़ देते थे. उन घड़ों के कंकड़ और टुकड़े आज भी भगवान परशुराम के इस धाम पर मौजूद हैं. मान्यता है कि इन कंकड़ को घिसकर गंगाजल से लगाने से कुष्ठ रोग ठीक हो जाता है. देश में भगवान परशुराम का यह धाम लोगों की बड़ी आस्था का केंद्र है.

एक बार ही इस्तेमाल होता था घड़ापरशुराम धाम के मुख्य पुजारी मेनपाल सिंह ने इस में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि यह मंदिर भगवान परशुराम के नाम से प्रसिद्ध है. यहां पर भगवान परशुराम के माता पिता निवास करते थे. उस समय वह कच्चे घड़े में भोजन बनाते थे. इन घड़ों में ही जल लाया जाता था. एक घड़े को केवल एक बार ही प्रयोग किया जाता था. इसके बाद उसे तोड़ दिया जाता था.

इन घड़ों के कंकड़ या टुकड़े आज भी मौजूद हैं. श्रद्धालुओं की मान्यता है कि घड़ों के कंकड़ को गंगाजल में घिसकर लगाने से कुष्ठ रोग ठीक हो जाता है. भक्तों की हर परेशानी दूर हो जाती है. इसके चलते ही मंदिर काफी प्रसिद्ध है और श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है.

यहां पर भक्त पूजा-अर्चना करने और कंकड़ लेने के लिए आते हैं. श्रद्धालु आशीष का कहना है कि जो भी यहां पर आता है उसकी सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं.
Tags: Local18FIRST PUBLISHED : August 31, 2024, 19:46 ISTDisclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.

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