यहां बरस गए 100 करोड़ रुपए, सरकार और अफसर देखते रह गए, मची लूट

admin

यहां बरस गए 100 करोड़ रुपए, सरकार और अफसर देखते रह गए, मची लूट

मेरठ. देश में क्रिकेट बैट और बॉल के लिए प्रसिद्ध मेरठ ने अब गली क्रिकेट में भी जलवा कायम किया है. स्पोर्ट्स सिटी में अब प्लास्टिक के बैट को लेकर धमाल मचा हुआ है. यहां सालाना सौ करोड़ तक के ऑर्डर मिल रहे हैं. यूं तो मेरठ अपने बैट और बॉल को लेकर विश्व में ख्याति रखता है. शायद ही कोई ऐसा देश हो जो यहां के बने हुए लकड़ी के बल्ले से खेलता न हो लेकिन अब गली क्रिकेट में भी मेरठ का जलवा हो गया है. आपको जानकर आश्‍चर्य होगा कि कमाई ऐसी है कि मानो लूट मची हो. अब यहां के प्लास्टिक बैट्स की मार्केट में ख़ूब डिमांड है.

मेरठ में तकरीबन सौ कंपनियां सिर्फ प्लास्टिक के बैट्स बना रही हैं और लगभग सौ करोड़ का कारोबार सालाना हो रहा है. उद्योग विभाग यंग बिजनैसमैन को भी प्लास्टिक मोल्डिंग मशीन लगाने के लिए प्रमोट कर रहा है. प्लास्टिक बैट अब शौकिया खेलने वालों की पहली पसंद बन रहा है. इसको लेकर जबरदस्‍त क्रेज भी है. सरकार इसके लिए लोन और सब्सिडी दोनों दे रही है तो युवा एंटरप्रेन्योर भी पीछे नहीं हैं. ताबड़तोड़ ऑर्डर लेकर जोरदार कमाई कर रहे हैं.

नेपाल, भूटान, बांग्लादेश और आस्ट्रेलिया तक डिमांडमेरठ के बने हुए प्लास्टिक बैट की नेपाल, भूटान, बांग्लादेश और आस्ट्रेलिया तक में ख़ूब डिमांड है. ज्यादातर कंपनियों का संचालन महिलाओं के हाथ में है. बड़ी संख्या में गली क्रिकेट मैच टेनिस बॉल से हो रहे हैं. ऐसे में प्लास्टिक बैट की मांग बढ़ी है. ये बैट नमी और पानी में खराब भी नहीं होते हैं. प्लास्टिक बैट बनाने के लिए आटोमेटिक मशीन का प्रयोग किया जाता है. इऩमें सिर्फ प्लास्टिक का दाना डालना होता है. दाना गर्म होकर डाई में जाता है और कुछ ही मिनटों में बैट तैयार हो जाता है.

उद्योग विभाग की योजना का मिल रहा है सीधा लाभऑटोमेटिक मशीन से निकले प्‍लास्टिक बैट में बस मामूली कटिंग करनी होती है. इसके बाद स्टीकर लगाए जाते हैं. ग्रिप चढ़ाकर पैकिंग कर दी जाती है. सात सौ ग्राम से एक किलो दो सौ ग्राम तक के बैट की बाज़ार में कीमत एक सौ चालीस रुपए से तीन सौ रुपए तक है. उपायुक्त उद्योग दीपेंद्र कुमार का कहना है कि  सरकारी योजनाओं के तहत आसान लोन और फिर सब्सिडी मिलने कई लोगों ने यूनिट लगाई है और वे शानदार कमाई कर रहे हैं. आजकल सोसायटी के ग्राउंड में लोग अपनी हॉबी पूरी कर रहे हैं. इऩ ग्राउंड में लैदर बॉल से नहीं खेल सकते हैं. ऐसे में टेनिस बॉल से लोग खेलते हैं इसलिए प्लास्टिक बैट की डिमांड बढ़ी है.

एक जिला एक उत्पाद का जलवा, पच्चीस लाख रुपए के लोन पर 25% छूटएक जिला एक उत्पाद के तहत पच्चीस लाख रुपए के लोन पर पच्चीस प्रतिशत छूट मिल रही है. पच्चीस लाख से पचास लाख रुपए तक बीस प्रतिशत छूट दी जा रही है. पिछले चार साल में ये कारोबार सौ करोड़ तक पहुंच गया है. ओडीओपी स्कीम के तहत पचास लाख के लोन पर दस लाख का लाभ मिला. प्लास्टिक बैट बनाने वाले उद्यमी कहते हैं कि कोविड के बाद तमाम परिवर्तन हुए हैं. प्लास्टिक बैट इंडस्ट्री तभी से नई उड़ान पर है.
Tags: Meerut city news, Meerut Latest News, Meerut news, UP news, Up news today, UP news updatesFIRST PUBLISHED : October 14, 2024, 23:47 IST

Source link