मान्यता है कि इंद्र ने इसी स्थान पर तपस्या कर भगवान शिव को प्रसन्न कर श्राप से मुक्ति को प्रार्थना की थी. तब भगवान शिव ने इंद्र को गोमती नदी के किनारे 101 स्थानों पर शिवलिंग स्थापित करने को कहा था. इससे उन्हें श्राप से मुक्ति मिल सके.महंत रमेश गिरी ने बताया कि राजा इंद्र की आत्मा आज भी राज कर रही है.