ये खिलाड़ी था भारत का सबसे महान विकेटकीपर, आखिरी टेस्ट में बैटिंग और बॉलिंग में की ओपनिंग| Hindi News

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ये खिलाड़ी था भारत का सबसे महान विकेटकीपर, आखिरी टेस्ट में बैटिंग और बॉलिंग में की ओपनिंग| Hindi News



Unique Cricket Records: मॉडर्न क्रिकेट में एक से बढ़कर एक ऑलराउंडर देखने को मिलते हैं. भारतीय क्रिकेट में भी बड़े-बडे़ धुरंधर हैं जो अपनी बल्लेबाजी और गेंदबाजी से कमाल दिखाते हैं. लेकिन हम आपको भारत के ऐसे ऑलराउंडर के बारे में बताने जा रहे हैं जो विकेटकीपर भी था. वहीं, बैटिंग और बॉलिंग में भी ओपनिंग करता नजर आया. यूं तो विकेटकीपिंग को क्रिकेट में बेहद चैलेंजिंग है क्योंकि विकेटकीपर को पूरे मैच में एक्टिव रहना पड़ता है. लेकिन इस ऑलराउंडर खिलाड़ी ने बतौर विकेटकीपर बड़े रिकॉर्ड्स कायम किए. 
कौन है वो ऑलराउंडर?
हम आपको भारत के बुधी कुंदरन (Budhi Kunderan) की कहानी बताने जा रहे हैं, जो ऐसे विकेटकीपर थे जिन्होंने बैटिंग और बॉलिंग दोनों में ओपनिंग की है. साल 1967 में इंग्‍लैंड के खिलाफ बर्मिंघम टेस्‍ट में उन्होंने ये कारनामा किया था. मजे की बात है कि यह उनका आखिरी टेस्ट मैच था और उन्होंने अलग अंदाज में इसे यादगार बनाया. ये वो समय था जब स्पिन चौकड़ी-बिशन सिंह बेदी, भगवत चंद्रशेखर, एस वेंकटराघवन व ईरापल्‍ली प्रसन्‍ना की तूती बोलती थी. 
कप्तान का हैरान कर देने वाला फैसला
बर्मिंघम टेस्‍ट में इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था. उस समय टीम इंडिया की कमान मंसूर अली खान पटौदी के हाथों में थी. उन्होंने अपने फैसले से सभी को हैरान किया जब वेंकटरमन सुब्रमन्‍यम और कुंदरन बॉलिंग की शुरुआत करने के लिए उतरे. इस मैच कुंदरन के स्थान पर फारुख ने विकेटकीपिंग संभाली थी.
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कैसा रहा कुंदरन का करियर?
कुंदरन का करियर शानदार रहा. उन्होंने अपने दौर में कई बड़े कारनामें किए. उन्होंने भारत के लिए 18 टेस्‍ट खेले और 32.70 के औसत से 981 रन बनाए, इसमें दो शतक और तीन अर्धशतक शामिल रहे. अपने 18 टेस्‍ट में से 15 टेस्‍ट कुंदरन विकेटकीपर के तौर पर खेले. गेंदबाजी में उन्होंने 4 ओवर फेंके थे इसमें उन्‍होंने कोई विकेट नहीं मिला था. यह चारों ओवर उन्‍होंने बर्मिंघम टेस्‍ट की पहली पारी में ही फेंके थे.



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