Yati Narsinghanand Saraswati : महंत यति नरसिंहानंद के कारण चर्चा में डासना का शिव शक्ति धाम, जानें इतिहास

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Yati Narsinghanand Saraswati : महंत यति नरसिंहानंद के कारण चर्चा में डासना का शिव शक्ति धाम, जानें इतिहास

गाजियाबाद. उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में स्थित डासना शिव शक्ति धाम मंदिर अपने महंत यति नरसिंहानंद के विवादित बयानों के कारण एक बार फिर से सुर्खियों में है. महंत यति नरसिंहानंद ने पैगंबर मोहम्मद साहब और कुरान को लेकर विवादित बयान दिया है, उनकी आपत्तिजनक टिप्पणी के खिलाफ कई शहरों में विरोध प्रदर्शन किया गया है. उनके इस बयान के बाद डासना शिव शक्ति धाम मंदिर को लेकर भी चर्चा शुरू हो गई है. लोग इस मंदिर के इतिहास को जानने को लेकर उत्सुक हैं. आइए जानते हैं इस मंदिर का इतिहास और इसके महंत से जुड़े विवादों के बारे में.

डासना शिव शक्ति धाम मंदिर को महाभारतकालीन माना जाता है. मान्यता है कि अज्ञातवास के दौरान पांचों पांडवों ने इसी मंदिर में शरण ली थी. यह मंदिर धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व का धरोहर है, जहां सदियों से श्रद्धालु आते रहे हैं.

200 साल बाद सपने में आईं देवीकथित दावों के मुताबिक, मुगलकाल में इस मंदिर को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था. उस समय के महंत ने मुगलों से छिपाकर मंदिर में लगी देवी मूर्ति को तालाब में छिपा दिया था. करीब दो सौ साल बाद मंदिर के तत्कालीन महंत जगत गिरि महाराज को देवी ने सपने में दर्शन दिए और तालाब में छिपी मूर्ति के बारे में बताया. इसके बाद खुदाई कर मूर्ति को वापस निकाला गया और मंदिर की पुनः स्थापना की गई. मंदिर के निर्माण में लखौरी ईंटों का उपयोग किया गया है, जो इसे ऐतिहासिक महत्व देता है.

विवादों में महंत यति नरसिंहानंदहाल के वर्षों में डासना शिव शक्ति धाम मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद अपने विवादित बयानों और गतिविधियों के कारण चर्चा में बने हुए हैं. उनके बयानों को लेकर कई बार विरोध प्रदर्शन भी हुए हैं, जिसके चलते मंदिर और महंत के प्रति लोगों की रुचि और जिज्ञासा बढ़ गई है.

धार्मिक आस्था और राजनीतिक विवादडासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद के विवादित बयानों से जहां मंदिर की पहचान प्रभावित हुई है, वहीं यह जगह धार्मिक आस्था का प्रमुख केंद्र भी बना हुआ है. यह मंदिर आज भी अपनी पौराणिक मान्यताओं और धार्मिक महत्व के कारण हजारों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है. हालांकि, हालिया विवादों के चलते इसकी छवि पर सवाल भी उठे हैं.
Tags: Ghaziabad News, Local18, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : October 8, 2024, 21:37 IST

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