आज की महिलाएं अपने करियर और घरेलू जिम्मेदारियों के बीच बैलेंस बनाने में इतना बिजी रहती हैं कि वे अपनी सेहत को नजरअंदाज कर देती हैं. लेकिन उनको शायद ये पता न हो कि ऑफिस का बढ़ता तनाव और अनहेल्दी डाइट उन्हें एक खतरनाक बीमारी की चपेट में डाल रहे हैं. एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, महिलाएं अब टीबी (ट्यूबरकुलोसिस) के मामलों में बढ़ती जा रही हैं और इसके पीछे मुख्य कारण हैं- मानसिक दबाव और खराब डाइट.
वर्ल्ड टीबी डे के अवसर पर, लंग्स एक्सपर्ट ने एक चौंकाने वाली रिपोर्ट पेश की है. रिपोर्ट के अनुसार, मल्टीनेशनल कंपनियों (MNCs) में काम करने वाली महिलाएं और गृहिणियां काम के तनाव और अनहेल्दी डाइट के कारण तेजी से ट्यूबरक्लोसिस (TB) की चपेट में आ रही हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि करियर-उन्मुख पेशेवर और गृहिणियां अक्सर अपनी सेहत की तुलना में काम या परिवार को प्रायोरिटी देती हैं, जिससे उनका इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है और टीबी जैसे संक्रमणों की चपेट में आने का खतरा बढ़ जाता है.
एक्सपर्ट की रायएस्टर प्राइम हॉस्पिटल के इंटरवेंशनल पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. कोल्लाबट्टुला रत्नाबाबू के अनुसार, महिलाएं अपने परिवार की देखभाल करते समय अक्सर अपनी सेहत को नजरअंदाज करती हैं, जिससे डायग्नोस और इलाज में देरी होती है. पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. एम. राजीव ने इसमें जोड़ते हुए कहा कि भारत वैश्विक मामलों में 25% का योगदान देता है.
ट्यूबरक्लोसिसबी एक संक्रामक रोग है जो माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस के कारण होता है. यह अधिकांश लोगों में निष्क्रिय रहता है, लेकिन जब इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है तो ये एक्टिव हो जाता है. खराब डाइट, तनाव, डायबिटीज, थायरॉयड की बीमारी और हाई ब्लड प्रेशर जैसी स्थितियां इम्यूनिटी को काफी कम कर सकती हैं. डॉ. रत्नाबाबू ने बताया कि महिलाएं (विशेष रूप से गृहिणियां) लिम्फ नोड टीबी के लिए ज्यादा प्रवण हैं.
उपाय क्या?टीबी से निपटने के लिए, केंद्र सरकार ने निक्षय पोषण योजना जैसी पहल शुरू की है, जो टीबी मरीजों के लिए मुफ्त दवा और प्रति माह 500 रुपये की पोषण सहायता प्रदान करती है. इसके अलावा, इलाज को सरल बनाने के लिए सभी आवश्यक टीबी दवाओं को एक ही टैबलेट में मिला दिया गया है. तेलंगाना सरकार ने 100-दिवसीय टीबी उन्मूलन विशेष कार्यक्रम, मोबाइल टीबी टेस्ट यूनिट और हेल्थ नगरम प्रोजेक्ट जैसे कार्यक्रमों के साथ अपने प्रयासों को तेज कर दिया है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.