World Mental Health Day 2021: pacemaker that helps in treatment of serious depression case

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डिप्रेशन के सारे इलाज फेल होने के बाद भी असर दिखा सकता है ये डिवाइस, महिला ने बताया अपना हाल



डिप्रेशन एक गंभीर मानसिक समस्या है, जो मरीज के दैनिक जीवन को बुरी तरह प्रभावित कर सकती है. हालांकि, इसके लिए अब कई सारी दवाएं और थेरेपी (depression treatment) मौजूद हैं. लेकिन फिर भी ये सुनिश्चित कर पाना मुश्किल है कि सभी मरीजों में यह सफल होंगी. ऐसी स्थिति से उबरने के लिए वैज्ञानिकों ने एक खास तरह का पेसमेकर डिवाइस विकसित किया है, जिसकी सफलता की संभावना तब भी रहेगी, जब डिप्रेशन के सभी इलाज फेल हो चुके होंगे. आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं.
डिप्रेशन के बारे में बताएगा डिवाइसएक न्यूज एजेंसी ने द न्यूयॉर्क टाइम्स के हवाले से बताया कि सैन फ्रांसिसको स्थित कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने एक एक्सपेरिमेंटल थेरेपी की, जिसमें एक मैग्नेट के द्वारा एक महिला की दिमागी गतिविधियों को डाउनलोड करके इलेक्ट्रिकल स्टिम्युलेशन किया गया. महिला के दिमाग में सर्जरी द्वारा मैचबुक (माचिस की डिब्बी) के आकार का बैटरी से चलने वाला डिवाइस प्रत्यारोपित किया गया. जो कि महिला के डिप्रेशन में जाने के क्षण की पहचान करके उनके दिमाग की न्यूरल एक्टिविटी को बाधित या मोड़कर स्वस्थ बनाने में मदद करता है. इसे महिला में डिप्रेशन के लक्षण कम करने में मददगार पाया गया. यह मामला दर्ज किया गया पहला केस है, जिसमें पार्किंसन व अन्य डिसऑर्डर के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली डीप ब्रेन स्टिम्युलेशन तकनीक से सफलतापूर्वक डिप्रेशन का इलाज किया गया है.
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डिप्रेशन के कारण महिला की हालत थी काफी खराबद न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक यह महिला 38 वर्षीय साराह हैं, जिन्होंने पूरी पहचान ना उजागर करने की शर्त पर बताया कि वह पिछले पांच साल से डिप्रेशन से जूझ रही थी. जिसके कारण उन्हें सुसाइडल थॉट्स (आत्महत्या करने के विचार) आते रहते थे. इस दौरान उन्होंने नौकरी भी छोड़ दी और डॉक्टर्स ने उन्हें अकेले रहने से बिल्कुल मना कर दिया था. साराह बताती हैं कि, वह रोने से खुद को रोक नहीं पाती थी और कार चलाते हुए मेरे मन में विचार आते थे कि मैं किसी दलदली जगह पर कार डालकर डूब जाऊं. उनके मुताबिक, उन्होंने डिप्रेशन का लगभग हर इलाज अपनाकर देख लिया था. उन्होंने करीब 20 तरह की दवाओं का सेवन किया, इलेक्ट्रोकंवल्सिव थेरेपी, transcranial magnetic stimulation, हॉस्पिटल डे प्रोग्राम आदि तरीकों की मदद ली, लेकिन डिप्रेशन के लक्षण (symptoms of depression) वैसे ही बने हुए थे.
साराह ने अपना अनुभव बताते हुए जिक्र किया कि, इस पेसमेकर डिवाइस को अपनाने के कुछ हफ्तों के भीतर उनके आत्महत्या करने के विचार बिल्कुल बंद हो गए और डिप्रेशन के लक्षण गायब होने से मैं वापिस हेल्दी लाइफ जीने लगी हूं. रिसर्च में डिवाइस प्रत्यारोपित करने के 12 दिन के भीतर डिप्रेशन स्केल पर उनका स्कोर 33 से 14 तक गिर गया और कुछ महीनों बाद 10 से भी कम हो गया.
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डिप्रेशन क्या है? (What is depression)एजेंसी को फोर्टिस हेल्थकेयर के मेंटल हेल्थ एंड बिहेवियरल साइंसेज के डायरेक्टर डॉ. समीर पारिख ने बताया कि जब मनोवैज्ञानिक कारकों से हमारे दिमागी न्यूरोट्रांसमीटर असंतुलित हो जाते हैं, तो डिप्रेशन होता है. जिसका इलाज करने के लिए कुछ दशकों से दवाओं और साइकोथेरेपी की मदद ली जाती रही है. हालांकि, कुछ मरीजों में इन ट्रीटमेंट के प्रति सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिल पाती है.
यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.



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