World Lung Cancer Day: only cigarette is not responsible for lung cancer many patients in India do not smoke | फेफड़ों के कैंसर के लिए सिर्फ सिगरेट ही जिम्मेदार नहीं, भारत में आधे से ज्यादा मरीज नहीं करते धूम्रपान

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World Lung Cancer Day: only cigarette is not responsible for lung cancer many patients in India do not smoke | फेफड़ों के कैंसर के लिए सिर्फ सिगरेट ही जिम्मेदार नहीं, भारत में आधे से ज्यादा मरीज नहीं करते धूम्रपान



World Lung Cancer Day 2024: हर साल 1 अगस्त को विश्व फेफड़े के कैंसर दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन का उद्देश्य लोगों को फेफड़े के कैंसर के बारे में जागरूक करना है. हालांकि, आम धारणा है कि सिगरेट पीने से ही फेफड़े का कैंसर होता है, लेकिन यह पूरी तरह से सच नहीं है.
मेडिक्स ग्लोबल की अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी सिगल अत्जमन के अनुसार, भारत में फेफड़े के कैंसर से पीड़ित आधे से ज्यादा मरीज ऐसे हैं जो कभी सिगरेट नहीं पीते हैं. उन्होंने कहा कि फेफड़े के कैंसर के प्रति समाज में एक गलत धारणा है कि यह सिर्फ धूम्रपान करने वालों को ही होता है. इस वजह से लोग इस बीमारी के बारे में जागरूक नहीं होते हैं और देर से पता चलने पर इलाज भी मुश्किल हो जाता है.
क्यों खतरनाक है यह धारणा?अत्जमन ने बताया कि यह धारणा इसलिए खतरनाक है क्योंकि इससे लोग फेफड़े के कैंसर की जांच करवाने में देरी करते हैं. उन्होंने कहा कि अगर बीमारी का जल्दी पता चल जाता है तो इलाज की संभावना बढ़ जाती है. लेकिन अगर देर हो गई तो स्थिति गंभीर हो सकती है. भारत में फेफड़े के कैंसर के मरीजों में गैर-धूम्रपान करने वालों की संख्या बढ़ने के कई कारण हैं. इनमें से एक है प्रदूषण. भारत के कई शहरों में प्रदूषण का लेवल बहुत अधिक है. प्रदूषण के कारण फेफड़ों को नुकसान पहुंचता है और कैंसर का खतरा बढ़ जाता है.
फेफड़े के कैंसर के अन्य कारण* रेडॉन गैस* एस्बेस्टस* कुछ कैमिकल* वायरस* परिवारिक इतिहास
फेफड़े के कैंसर से बचाव* धूम्रपान न करें* प्रदूषण से बचें* नियमित रूप से व्यायाम करें* हेल्दी डाइट लें* डॉक्टर की सलाह पर नियमित जांच करवाएं
फेफड़े के कैंसर के लिए जागरूकता जरूरीफेफड़े के कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाने की जरूरत है. लोगों को बताया जाना चाहिए कि सिर्फ धूम्रपान ही नहीं बल्कि अन्य कारणों से भी फेफड़े का कैंसर हो सकता है। साथ ही, लोगों को नियमित जांच करवाने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए. अत्जमन ने कहा कि फेफड़े के कैंसर का जल्दी पता लगाने के लिए सरकार को भी कदम उठाने चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार को लो-डोज सीटी स्कैन की सुविधा बढ़ानी चाहिए. साथ ही, फेफड़े के कैंसर के इलाज के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करानी चाहिए. फेफड़े के कैंसर से लड़ाई में जागरूकता, शुरुआती पता लगाने और बेहतर इलाज की जरूरत है. अगर हम मिलकर प्रयास करेंगे तो इस बीमारी को हराया जा सकता है.



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