World lung cancer day 2023 date history significance 3 lifestyle mistakes increase risk of cancer in lungs | आपकी इन गलतियों से बढ़ जाता है फेफड़ों के कैंसर का खतरा, हालात बिगड़ने से पहले जान लें आप

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Lung cancer: विश्व फेफड़ों का कैंसर दिवस (world lung cancer day 2023) वार्षिक रूप से 1 अगस्त को मनाया जाता है. यह एक महत्वपूर्ण दिवस है जो विश्व भर के लोगों को फेफड़े के कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के बारे में जागरूक करने और इससे जुड़ी जानकारी देने का उद्देश्य रखता है. फेफड़ों का कैंसर वैश्विक स्तर पर कैंसर के गंभीर प्रकारों में से एक है, जिसके कारण लाखों लोगों को मौत हो जाती है. आज हम आपको फेफड़ों के कैंसर से जुड़ी एक महत्वपूर्ण जानकारी साझा करेंगे.
आपको बता दें कि फेफड़े का कैंसर वयस्कों में अधिक देखा जाता रहा है. हमारे शरीर में एक प्राकृतिक रक्षा प्रणाली होती है, जो फेफड़ों को संरक्षित रखने और गंदगी व कीटाणुओं को दूर रखने के लिए डिजाइन की गई है. हालांकि अनुशासनहीन जीवनशैली के कारण दुनिया भर में फेफड़ों के कैंसर के रोगी बढ़ रहे हैं. नीचे बताई गई तीन गलतियां अगर आप करते हैं तो फेफड़ों के कैंसर का खतरा कई हद तक बढ़ जाता है.धूम्रपानतंबाकू और धूम्रपान फेफड़ों के कैंसर का प्रमुख कारण है. सिगरेट, बिड़ी, हुक्का और तम्बाकू के उपयोग से श्वसन नली में बदलाव होता है, जो कैंसर के विकास को प्रोत्साहित करता है.
प्रदूषणवायु में मौजूद धूल, कचरा, कार धुआं और जहरीले गैसें फेफड़ों को खराब करती हैं और कैंसर के जोखिम को बढ़ाती हैं. यह विशेष रूप से शहरों में रहने वाले लोगों के लिए खतरनाक होता है.
अनहेल्दी खानपानअनहेल्दी डाइट जैसे ऑयली-मसालेदार खाना, फास्ट फूड, बेकरी उत्पादों और प्रोसेस्ड फूड का अधिक सेवन करने से भी फेफड़ों के कैंसर का खतरा बढ़ता है. हेल्दी और शाकाहारी डाइट अपनाने से कैंसर के जोखिम को कम किया जा सकता है.
फेफड़ों के कैंसर के लक्षण
छाती में दर्द: फेफड़ों के कैंसर के प्रारंभिक चरण में छाती में दर्द और बेचैनी हो सकती है. यह दर्द सामान्यतः अनुकूल नहीं होता है और लम्बे समय तक बना रहता है.
सांस में कष्ट: फेफड़ों के कैंसर के विकास के साथ सांस में कष्ट हो सकता है. सांस लेने में तकलीफ हो सकती है.
खूनी खांसी: फेफड़ों के कैंसर के मरीजों में खूनी खांसी की समस्या देखने को मिलती है. खांसी के साथ खून आने का लक्षण हो सकता है.
सांस में रुकावट: कैंसर के विकास के कारण फेफड़ों की नलियों में रुकावट हो सकती है, जिससे सांस लेने में तकलीफ हो सकती है.
भरी हुई छाती: कैंसर के विकास के साथ छाती में भारीपन या बुढ़ापे जैसा अहसास हो सकता है.
वजन कम: फेफड़ों के कैंसर के मरीजों में बिना वजह वजन कम होने की समस्या हो सकती है.
थकान और कमजोरी: कैंसर के प्रारंभिक चरण में थकान और कमजोरी की समस्या हो सकती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)



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