गर्भनिरोधक गोलियों को बर्थ कंट्रोल पिल्स भी कहा जाता है, जो महिलाओं के लिए गर्भधारण को रोकने का एक प्रभावी और व्यावहारिक तरीका हैं. हालांकि, हर दवा की तरह इन गोलियों के भी कुछ संभावित नुकसान और साइड इफेक्ट होते हैं, जिनसे हर महिला को अवगत होना चाहिए. आइए एक्सपर्ट से इसके बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करें.
प्रिस्टिन केयर में सीनियर गायनोलॉजिस्ट और को-फाउंडर डॉ. गरिमा स्वाहनी ने बताया कि ये गोलियां हार्मोन पर आधारित होती हैं, जिनमें या तो एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टिन का संयोजन होता है, या सिर्फ प्रोजेस्टिन. ये अंडाशय से अंडों के निकलने की प्रक्रिया (ओव्यूलेशन) को रोकती हैं और गर्भाशय के ग्रीवा (सर्विक्स) के आस-पास के म्यूकस को गाढ़ा कर देती हैं, जिससे शुक्राणु का गर्भाशय तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है. अगर इन गोलियों को सही तरीके से लिया जाए, तो ये 99 प्रतिशत से भी ज्यादा प्रभावी होती हैं.
साइड इफेक्ट्स जो हैं गंभीरहालांकि ये गोलियां ज्यादातर महिलाओं के लिए सुरक्षित होती हैं, लेकिन कुछ महिलाएं गंभीर साइड इफेक्ट्स का सामना कर सकती हैं. एक्सपर्ट के अनुसार, कुछ प्रमुख और खतरनाक साइड इफेक्ट्स निम्नलिखित हैं:* खून के थक्के (ब्लड क्लॉट्स): गर्भनिरोधक गोलियों से खून के थक्के बनने का खतरा बढ़ सकता है, खासकर उन महिलाओं में जो धूम्रपान करती हैं या जिनकी उम्र 35 साल से ज्यादा है.* दिल की बीमारी: इन गोलियों के लंबे समय तक उपयोग से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है, जिससे दिल की बीमारी का खतरा भी बढ़ता है.* लिवर संबंधी समस्याएं: गर्भनिरोधक गोलियां कुछ महिलाओं में लिवर के ट्यूमर का कारण बन सकती हैं.* स्तन कैंसर का खतरा: कुछ शोधों ने यह सुझाव दिया है कि गर्भनिरोधक गोलियों का उपयोग स्तन कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है.* मूड स्विंग्स और डिप्रेशन: हार्मोनल बदलावों के कारण कुछ महिलाएं मूड स्विंग्स, चिंता या डिप्रेशन का सामना कर सकती हैं.
कौन सी महिलाएं हों सावधान?विशेषज्ञों का कहना है कि 35 साल से ऊपर की महिलाएं, जो धूम्रपान करती हैं या जिन्हें हाई ब्लड प्रेशर, थ्रॉम्बोसिस या दिल से जुड़ी बीमारियां हैं, उन्हें इन गोलियों का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.
विकल्प क्या हैं?अगर गर्भनिरोधक गोलियां आपके लिए उपयुक्त नहीं हैं, तो विकल्पों में इंट्रायूटेरिन डिवाइसेज (IUD), कंडोम, बर्थ कंट्रोल पैच और इम्प्लांट्स शामिल हैं.