पैंक्रियाटाइटिस और पैंक्रियाटिक कैंसर को लेकर अधिकतर लोगों को लगता है कि यह एक ही बीमारी है जबिक डॉक्टर का कहना है कि यह दोनों बीमारी अलग-अलग है. शारदा केयर-हेल्थसिटी के रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ. अनिल ठाकवानी से जानते हैं पैंक्रियाटाइटिस और पैंक्रियाटिक कैंसर के बीच क्या अंतर है.
क्या होता है पैंक्रियाटाइटिस पैंक्रियाज शरीर के लिए इंसुलिन भी बनाता है जो कि ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करता है. डॉक्टर के अनुसार पैंक्रियाज में सूजन को पैंक्रियाटाइटिस कहा जाता है. यह दो तरह का होता है. पहला एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस और दूसरा क्रॉनिक पैंक्रियाटाइटिस. पैंक्रियाज में अचानक सूजन को एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस कहा जाता है. क्रॉनिक पैंक्रियाटाइटिस एक गंभीर समस्या है. क्रॉनिक पैंक्रियाटाइटिस में पैंक्रियाज एंजाइम्स और हार्मोंस प्रोड्यूस नहीं कर पाती है.
क्रॉनिक पैंक्रियाटाइटिस के लक्षण क्रॉनिक पैंक्रियाटाइटिस में पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द हो सकता है, धीरे-धीरे यह दर्द पीठ तक पहुंच जाता है.समय पर इलाज ना होने की वजह से कंडीशन खराब हो सकती है. क्रॉनिक पैंक्रियाटाइटिस में डायरिया, उल्टी, अचानक वजन कम होना आदि लक्षण नजर आते हैं.
पैंक्रियाटिक कैंसर क्या होता है जब पैंक्रियाज में असामान्य सेल्स ग्रो करते हैं तो उसे पैंक्रियाटिक कैंसर कहा जाता है. पैंक्रियाटिक कैंसर के कई कारण हो सकते हैं जैसे स्मोकिंग करना, पैंक्रियाटिक कैंसर की मेडिकल हिस्ट्री होना या फिर इनहेरिटेड कैंसर सिंड्रोम का होना.
पैंक्रियाटिक कैंसर के लक्षण पैंक्रियाटिक कैंसर में शुरुआती लक्षण पेट में दर्द, स्किन का पीला पड़ना, जॉन्डिस होना, मल में बदलाव और अचानक वजन का कम होना है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. यह किसी भी तरह से चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.