World Alzheimer’s Day: Depression To Obesity know the risk factors of Alzheimer disease sscmp | World Alzheimer’s Day 2022: डिप्रेशन से लेकर मोटापे तक, जानें अल्जाइमर रोग के रिस्क फैक्टर

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World Alzheimer’s Day 2022: अल्जाइमर एक प्रगतिशील बीमारी है, जो किसी व्यक्ति की याददाश्त और अन्य महत्वपूर्ण मानसिक कार्यों को नष्ट कर देती है. यह एक न्यूरोडीजेनेरेटिव (neurodegenerative) बीमारी है, जो आमतौर पर धीरे-धीरे शुरू होती है और बिगड़ती चली जाती है. यह एक प्रकार का मनोभ्रंश (dementia) है, जो याददाश्त, व्यवहार और सोच को प्रभावित करता है.
विश्व अल्जाइमर दिवस हर साल 21 सितंबर को मनाया जाता है, ताकि इस बीमारी के बारे में लोगों में जागरूक किया जा सके. लैंसेट न्यूरोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि स्वस्थ जीवन अल्जाइमर के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है. अध्ययन में पाया गया कि कुछ स्थितियां विशेष रूप से दुनिया भर में अल्जाइमर के 35 मिलियन (3.5 करोड़) मामलों में से आधे के लिए जिम्मेदार हैं. आइए जानते हैं कि किसके कारण अल्जाइमर बीमारी होने का रहता है खतरा.
1. धूम्रपानधूम्रपान से संवहनी समस्याओं (vascular problems) का खतरा बढ़ जाता है, जिसमें दिमाग में स्ट्रोक या छोटे रक्तस्राव शामिल हैं, जो डिमेंशिया का कारण बन सकता है. इसके अलावा, सिगरेट के धुएं में विषाक्त पदार्थ सेल्स में सूजन और तनाव का कारण बनते हैं, जो अल्जाइमर रोग के विकास से जुड़े हैं. कुछ शोधकर्ताओं का अनुमान है कि दुनिया भर में डिमेंशिया के 14% मामले धूम्रपान के कारण होते हैं.
2. डिप्रेशनविशेषज्ञों का अनुमान है कि अल्जाइमर रोग वाले 40 प्रतिशत तक लोग डिप्रेशन से पीड़ित हैं. अल्जाइमर वाले किसी व्यक्ति में डिप्रेशन की पहचान करना मुश्किल हो सकता है, क्योंकि डिमेंशिया के भी डिप्रेशन जैसे लक्षण होते हैं. डिप्रेशन डिमेंशिया का कारण बन सकता है.
3. व्यायाम की कमीनियमित व्यायाम से मस्तिष्क और शरीर को लाभ मिलता है. शारीरिक रूप से सक्रिय लोगों के मानसिक कार्यों में गिरावट का अनुभव होने की संभावना कम होती है और अल्जाइमर रोग विकसित होने का जोखिम भी कम होता है.
4. मोटापाशेफील्ड यूनिवर्सिटी के अनुसार, मोटापा व्यक्ति के हृदय प्रणाली पर गंभीर दबाव डालता है और मस्तिष्क की वेसेल्स वॉल को नुकसान पहुंचाता है. इसके परिणामस्वरूप उच्च स्तर की सूजन, मस्तिष्क के सेल्स में विषाक्तता, कम मेटाबॉलिज्म और मस्तिष्क में खून का प्रवाह होता है. वैस्कुलर सिस्टम पर मोटापे के हानिकारक प्रभाव कुछ तंत्रों को खराब कर देते हैं, जो अल्जाइमर रोग का कारण बनते हैं.
5. डायबिटीजअल्जाइमर एसोसिएशन के अनुसार, बिना डायबिटीज वाले लोगों की तुलना में टाइप 1 डायबिटीज वाले लोगों में डिमेंशिया का अधिक खतरा होता है. उनके अध्ययन में पाया गया कि हाई ब्लड शुगर लेवल वाले लोगों में बीटा-एमिलॉयड प्रोटीन की अचानक वृद्धि होती है, जो अल्जाइमर रोग के लक्षणों में से एक है.
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