Women’s Day 2025 बढ़ती उम्र के साथ बीमारियों का भी रिस्क बढ़ जाता है. खासकर महिलाओं के शरीर में 40 साल की उम्र के बाद कई तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं. 40 के बाद महिलाएं हार्मोनल बदलाव, हड्डियों का कमजोर होना और स्लो मेटाबॉलिज्म की समस्या से गुजरती है. कई बार ध्यान ना देखने की वजह से 40 की उम्र में मेनोपॉज शुरू हो जाता है. 40 की के बाद महिलाओं को समय-समय पर अपना हेल्थ चेकअप करवाते रहना चाहिए ताकि गंभीर बीमारियों से बचा जा सकते हैं. आइए जानते हैं 40 की उम्र के बाद महिलाओं को कौन-कौन से टेस्ट करवाने चाहिए.
बोन डेंसिटी टेस्ट 40 की उम्र के बाद शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन का लेवल कम होने लगता है जिस वजह से हड्डियां कमजोर होने लगती है. बोन डेंसिटी टेस्ट की मदद से पता किया जा सकता है कि हड्डियों में कैल्शियम की मात्रा सही या नहीं, जिससे हड्डियों को फ्रैक्टर और कमजोर होने से रोका जा सकता है. डॉक्टर की सलाह पर हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए डाइट और दवाई की मदद ले सकती हैं.
ब्रेस्ट कैंसर के लिए मैमोग्राम टेस्ट बढ़ती उम्र के साथ ब्रेस्ट कैंसर का रिस्क बढ़ जाा है. 40 साल की उम्र के बाद ब्रेस्ट कैंसर स्क्रीनिंग टेस्ट कराना चाहिए. खासकर 40 की उम्र के बाद महिलाओं को मैमोग्राम टेस्ट जरूर करवाना चाहिए. मैमोग्राम इमेजिंग टेस्ट हैं जो कि ब्रेस्ट में ट्यूमर, टिश्यू की असामान्यताओं को शुरुआती चरण में पता कर सकता है, जिससे समय पर इलाज की मदद से कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से बचा सकता है.
बीपी और कोलेस्ट्रॉल टेस्ट 40 की उम्र के बाद महिलाओं में हार्ट संबंधी बीमारियों का रिस्क बढ़ जाता है. ऐसे में बीपी और कोलेस्ट्रॉल का टेस्ट कराना जरूरी होता है. लिपिड प्रोफाइल टेस्ट कराने से हार्ट अटैक और स्ट्रोक का जोखिम कम हो सकता है.
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