मेनोपॉज (Menopause) एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जो महिलाओं में 45 से 55 साल की उम्र के बीच होती है. इस दौरान मासिक धर्म बंद हो जाता है और एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर तेजी से घटने लगता है. हार्मोन में यह बदलाव न सिर्फ प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है, बल्कि हड्डियों की मजबूती को भी कमजोर बना देता है. विशेषज्ञों का मानना है कि मेनोपॉज के बाद महिलाओं में हड्डियों की घनत्व (Bone Density) तेजी से घटने लगता है, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) का खतरा बढ़ जाता है.
मेनोपॉज के बाद हड्डियों की कमजोरी के कारण महिलाओं को फ्रैक्चर का जोखिम ज्यादा होता है. कूल्हों, कलाई और रीढ़ की हड्डी में दरारें आने की संभावना बढ़ जाती है. खासकर वे महिलाएं जो शारीरिक रूप से कम एक्टिव रहती हैं या कैल्शियम और विटामिन-डी युक्त आहार नहीं लेतीं, उनके लिए यह समस्या और भी गंभीर हो सकती है. आइए जानते हैं कि मेनोपॉज के बाद हड्डियों की मजबूती क्यों घटती है और इसे कैसे बचाया जा सकता है.
मेनोपॉज के बाद हड्डियां क्यों कमजोर हो जाती हैं?* एस्ट्रोजन की कमी: मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर गिर जाता है, जिससे हड्डियों का टूटना (Bone Resorption) बढ़ जाता है. इससे हड्डियों की घनत्व कम हो जाती है और वे कमजोर हो जाती हैं.* कैल्शियम की कमी: उम्र के साथ शरीर में कैल्शियम अवशोषण की क्षमता घटने लगती है, जिससे हड्डियां कमजोर हो जाती हैं.* शारीरिक गतिविधि में कमी: 50 की उम्र के बाद महिलाएं अक्सर कम एक्टिव हो जाती हैं, जिससे हड्डियों पर दबाव कम पड़ता है और उनकी मजबूती घटने लगती है.* विटामिन-डी की कमी: हड्डियों को मजबूत बनाए रखने के लिए विटामिन-डी जरूरी है. लेकिन मेनोपॉज के बाद कई महिलाओं में इसकी कमी देखी जाती है, जिससे हड्डियां कमजोर हो जाती हैं.
कैसे करें बचाव?
1. कैल्शियम और विटामिन-डी युक्त डाइट लें:मेनोपॉज के बाद महिलाओं को दिन में 1200-1500 mg कैल्शियम और 800-1000 IU विटामिन-डी की आवश्यकता होती है. इसके लिए दूध, दही, पनीर, बादाम, ब्रोकली और हरी पत्तेदार सब्जियां खाएं.
2. एक्सरसाइज करें:रोजाना वेट-बेयरिंग एक्सरसाइज जैसे – वॉकिंग, योग, डांसिंग या हल्की वेट ट्रेनिंग करें. इससे हड्डियों की मजबूती बनी रहती है और ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा कम होता है.
3. बोन डेंसिटी टेस्ट कराएं:मेनोपॉज के बाद नियमित रूप से BMD (Bone Mineral Density) टेस्ट कराएं, ताकि हड्डियों की स्थिति का पता चलता रहे.
4. धूप सेंकें:विटामिन-डी के लिए रोजाना कम से कम 15-20 मिनट तक धूप में बैठें.
5. लाइफस्टाइल में बदलाव:धूम्रपान और शराब का सेवन बंद करें, क्योंकि ये हड्डियों को कमजोर करते हैं. साथ ही ज्यादा देर बैठने की बजाय एक्टिव रहने की कोशिश करें.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.