अमेरिका में रहने वाली सिडनी स्टोनर जो अब 31 साल की हैं, 27 की उम्र में स्टेज 4 के कोलन कैंसर से पीड़ित थी. बीमारी के पता चलने से लेकर इसके इलाज तक का सफर स्टोनर के लिए बहुत ही चुनौतियों से भरा था. वह महीनों तक लगातार पेट में तेज दर्द, दस्त और कब्ज जैसी समस्याओं से जूझती रही, लेकिन जब उसकी हालत काम के दौरान अचानक बिगड़ी और वह दर्द के कारण गिर पड़ी, वह डॉक्टर के पास गयी.
डॉक्टर ने यह कहकर उनके लक्षणों को नजरअंदाज किया कि वह अभी बहुत जवान है, इसलिए उन्हें कोई गंभीर बीमारी नहीं हो सकती. 2019 में उन्हें इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) का निदान हुआ, जो एक सामान्य पाचन रोग है, लेकिन स्टोनर को विश्वास था कि उसके लक्षण कुछ और ही हैं. आखिरकार, जब उसके लक्षण और दर्द बढ़ने लगे, तो उन्होंने डॉक्टरों से अपने लक्षणों को लेकर झूठ बोलने का फैसला किया. जिसके बाद उन्हें कोलोनोस्कोपी के लिए भेजा गया, और 27 वर्ष की आयु में चौथे चरण का कोलन कैंसर होने का पता चला.
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डॉक्टर ने की कैंसर की पहचान में देरी
स्टोनर ने लोकल मीडिया को बताया कि कई सालों से मुझे पेट में दर्द, दस्त और कब्ज की समस्या थी. लोग कहते थे कि यह मासिक धर्म से जुड़ी समस्याएं हैं, लेकिन मैं जानती थी कि यह इतना दर्दनाक नहीं हो सकता. जब मैंने डॉक्टर से बात की, तो उन्होंने कहा कि यह IBS हो सकता है.
चेकअप के लिए लिया झूठ का सहारा
स्टोनर ने जब डॉक्टरों से बार-बार मदद लेने की कोशिश की और उन्हें कुछ रिजल्ट नहीं मिला तो तो अंत में उन्होंने डॉक्टरों को यह बताया कि उनके मल में खून आ रहा है. जिसके बाद उसे कोलोनोस्कोपी के लिए भेजा गया. जिसके दौरान 5 मिलीमीटर वाले ट्यूमर के कारण डॉक्टर कोलन तक नहीं पहुंच पा रहे थे. जिसके बाद डॉक्टर को पता लगा कि उन्हें कोलन कैंसर है, जो चौथे स्टेज पर है और फेफड़ों तक फैल गया है.
कैंसर को कंट्रोल करने के लिए हुई 24 राउंड कीमोथेरेपी
हालांकि स्टोनर का कैंसर स्टेबल है. जिसका मतलब है कि न तो ट्यूमर बढ़ रहा हैं, और ना ही सिकुड़ रहे हैं, और न ही कोई नया ट्यूमर बना रहा है. इस दौरान उन्हें अब तक 24 राउंड की कीमोथेरेपी ली है, और 2023 में उसके लिवर से कैंसर के ट्यूमर को हटा दिया गया.
खुद की समझदारी से बची जान
स्टोनर का मानना है कि यदि डॉक्टरों ने उसके लक्षणों को पहले गंभीरता से लिया होता, तो उसका कैंसर शायद अधिक विकसित नहीं होता. वह कहती हैं कि मुझे बहुत गुस्सा आता है कि डॉक्टरों ने मेरे लक्षणों को नजरअंदाज किया और मुझे सही समय पर टेस्ट के लिए नहीं भेजा. सिडनी अब लोगों से यह अपील करती हैं कि वे अपने लक्षणों को नजरअंदाज न करें और हमेशा खुद के लिए आवाज उठाएं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)