Why women are not taking cervical cancer vaccine expert told dangerous consequences of not getting it | Cervical Cancer: महिलाएं क्यों नहीं ले रहीं सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीन? एक्सपर्ट ने बताई वजहें और न लगवाने के खतरनाक परिणाम

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Why women are not taking cervical cancer vaccine expert told dangerous consequences of not getting it | Cervical Cancer: महिलाएं क्यों नहीं ले रहीं सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीन? एक्सपर्ट ने बताई वजहें और न लगवाने के खतरनाक परिणाम



सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में होने वाले सबसे खतरनाक कैंसरों में से एक है, लेकिन अच्छी बात यह है कि यह एक रोके जा सकने वाला रोग है. इसके लिए एचपीवी (ह्यूमन पैपिलोमा वायरस) वैक्सीन उपलब्ध है, जो महिलाओं को इस जानलेवा बीमारी से बचा सकती है. बावजूद इसके, भारत में इस वैक्सीन को लगवाना बहुत कम है. विशेषज्ञों के अनुसार, इसकी कई वजहें हैं, जिनमें जागरूकता की कमी, सामाजिक भ्रांतियां और आर्थिक कारण प्रमुख हैं.
एचपीवी वैक्सीन के कम लगवाने का सबसे बड़ा कारण जागरूकता की कमी है. खासकर निम्न आय वर्ग की महिलाओं को इस वैक्सीन और इसके फायदे के बारे में जानकारी नहीं होती. स्वास्थ्य शिक्षा और नियमित मेडिकल चेक-अप की कमी से महिलाएं सर्वाइकल कैंसर के खतरों और वैक्सीन के महत्व से अनजान रहती हैं.
स्वास्थ्य कर्मियों में सीमित जानकारीदिल्ली स्थित सीके बिड़ला हॉस्पिटल में प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की प्रमुख सलाहकार डॉ. मंजूषा गोयल बताती हैं कि डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के बीच भी एचपीवी वैक्सीन को लेकर जानकारी का अभाव है. कुछ स्त्री रोग विशेषज्ञ वैक्सीन की प्रभावशीलता को लेकर पूरी तरह आश्वस्त नहीं हैं. सरकारी अस्पतालों में ज्यादा काम का बोझ और मरीजों की प्राथमिक समस्याओं पर फोकस भी इस जानकारी के प्रचार-प्रसार में बाधा बनता है.
सामाजिक कलंक और गलत धारणाएंएचपीवी वैक्सीन को ‘सेक्सुअल वैक्सीन’ समझने की वजह से समाज में इसे लेकर कई भ्रांतियां हैं. माता-पिता अक्सर मानते हैं कि उनकी बेटियां सेक्सुअली एक्टिव नहीं हैं, इसलिए यह वैक्सीन उनके लिए जरूरी नहीं है. यह गलत धारणा वैक्सीन लेने को बाधित करती है.
आर्थिक बाधाएंएचपीवी वैक्सीन की कीमत भी एक वजह है, जिसके वजह से इस कम लगवा रहे हैं. हालांकि, भारत में हाल ही में 2,000 रुपये की किफायती स्वदेशी वैक्सीन आई है, लेकिन तीन डोज के साथ इसकी लागत अभी भी निम्न आय वर्ग के परिवारों के लिए भारी पड़ती है.
गलत जानकारी और सुरक्षा संबंधी चिंताएंकुछ परिवार वैक्सीन के साइड इफेक्ट और इससे प्रजनन क्षमता पर असर पड़ने की अफवाहों के कारण इसे नहीं लगवाते. हालांकि, ये दावे पूरी तरह गलत हैं.
क्या है समाधान?डॉ. मंजूषा गोयल का मानना है कि बड़े लेवल पर जागरूकता अभियान चलाना, डॉक्टर-मरीज में बातचीत बढ़ाना और वैक्सीन को सस्ता या सब्सिडी के तहत उपलब्ध कराना जरूरी है. वैक्सीन को स्क्रीनिंग प्रोग्राम के साथ जोड़कर जागरूकता को और प्रभावी बनाया जा सकता है.
खतरनाक परिणामएचपीवी वैक्सीन न लेने से महिलाएं सर्वाइकल कैंसर के खतरे में बनी रहती हैं. समय रहते वैक्सीन और स्क्रीनिंग अपनाकर इस बीमारी को रोका जा सकता है और हजारों महिलाओं की जान बचाई जा सकती है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.



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