Why weight loss become difficult after age of 40 research reveals a unique secret link to brain | 40 के बाद वेट लॉस का खेल क्यों हो जाता है मुश्किल? रिसर्च में सामने आया दिमाग का अनोखा राज!

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Why weight loss become difficult after age of 40 research reveals a unique secret link to brain | 40 के बाद वेट लॉस का खेल क्यों हो जाता है मुश्किल? रिसर्च में सामने आया दिमाग का अनोखा राज!



जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, वजन कम करना मुश्किल होता जाता है. 40 की उम्र पार करते ही लोग डाइट और एक्सरसाइज के बावजूद भी मनचाहा वेट लॉस नहीं कर पाते. जापान की नागोया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने इस रहस्य से पर्दा उठाया है. रिसर्च में पाया गया कि उम्र बढ़ने के साथ दिमाग का हाइपोथैलेमस (hypothalamus) नामक हिस्सा कमजोर हो जाता है, जिससे शरीर की फैट बर्निंग क्षमता प्रभावित होती है.
शोधकर्ताओं ने चूहों पर अध्ययन किया और पाया कि उम्र बढ़ने के साथ उनके दिमाग में मौजूद MC4R रिसेप्टर (melanocortin-4 receptor) वाले न्यूरॉन का आकार बदलने लगा. MC4R रिसेप्टर शरीर को फैट बर्न करने का संकेत देते हैं. उम्र बढ़ने के साथ इन रिसेप्टर्स की संख्या कम होने लगी, जिससे चूहों का वजन तेजी से बढ़ने लगा.
अध्ययन के दौरान वैज्ञानिकों ने पाया कि हाइपोथैलेमस में मौजूद छोटे बाल जैसे सिलिया (cilia) भी उम्र के साथ सिकुड़ने लगे. ये सिलिया ही MC4R रिसेप्टर को कंट्रोल करते हैं. जब सिलिया छोटे हो गए, तो चूहों का मेटाबॉलिज्म धीमा हो गया और उनका वजन बढ़ने लगा.
खानपान का असररिसर्च में यह भी सामने आया कि डाइट का सीधा असर सिलिया की लंबाई पर पड़ता है. ज्यादा फैट वाली डाइट लेने वाले चूहों में सिलिया तेजी से छोटी हो गईं, जबकि हेल्दी डाइट लेने वाले चूहों में सिलिया की लंबाई ज्यादा प्रभावित नहीं हुई. दिलचस्प बात यह रही कि जब चूहों को दो महीने तक कम कैलोरी वाला खाना खिलाया गया, तो उनकी सिलिया फिर से लंबी हो गईं. इससे साबित होता है कि खानपान में बदलाव से दिमाग की भूख और मेटाबॉलिज्म कंट्रोल करने की क्षमता को दोबारा सुधारा जा सकता है.
लेप्टिन रेसिस्टेंस के पीछे भी यही वजह!शोध में लेप्टिन रेसिस्टेंस का रहस्य भी उजागर हुआ. लेप्टिन एक हार्मोन है, जो शरीर की फैट सेल्स बनाती हैं और दिमाग को भूख कम करने का संकेत देती हैं. लेकिन मोटे लोगों में लेप्टिन रेसिस्टेंस हो जाता है, जिससे भूख बढ़ती है और मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है. शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन चूहों के सिलिया छोटी हो गई थीं, उन पर लेप्टिन का असर नहीं हुआ, भले ही दिमाग में सीधे लेप्टिन डाला गया हो. इससे पता चलता है कि उम्र के साथ सिलिया सिकुड़ने से लेप्टिन रेसिस्टेंस बढ़ जाता है, जिससे वजन घटाना और मुश्किल हो जाता है.
क्या है समाधान?वैज्ञानिकों का मानना है कि कम कैलोरी वाली डाइट और एक्टिव लाइफस्टाइल अपनाकर सिलिया की लंबाई को बनाए रखा जा सकता है. इससे मेटाबॉलिज्म बेहतर होगा और वजन घटाना आसान हो जाएगा.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.



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