Twin Births: दुनियाभर में महिलाएं कम बच्चों को जन्म दे रही हैं. बर्थ रेट में इस गिरावट के बावजूद, आज जुड़वां और एक साथ 3 बच्चों के जन्म के मामले पहले की तुलना में काफी बढ़े हैं. इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, और रिसर्च से जुड़वां बच्चों की दरों में लगातार इजाफे का अनुमान जताया जा रहा है. पिछले कुछ सालों में, जुड़वां बच्चों के जन्म की दरें ओवरऑल बर्थ रेट के मुकाबले कम हुई थीं, ऐसा होने के कई कारण हो सकते हैं. ज्यादा उम्र में प्रेग्नेंसी और फर्टिलिटी ट्रीटमेंट का ज्यादा इस्तेमाव जैसे सोशल फैक्टर्स इसकी बड़ी वजह नजर आती हैं.
कैसे पैदा होते हैं जुड़वां बच्चे?हालांकि एक वक्त में एक बच्चे की तुलना में कई बच्चे पैदा होना कम आम बात है, लेकिन कई बच्चे पैदा होना ह्यूमन रिप्रोडक्शन का एक स्वाभाविक हिस्सा है. तकरीबन हर 60 प्रेग्नेंसी में से एक में कई बच्चे पैदा होते हैं – चाहे वो 2, 3 या 6 बच्चे हों. जुड़वां बच्चे तब होते हैं जब दो अलग-अलग अंडे एक ही वक्त में फर्टिलाइज होते हैं, या जब एक फर्टिलाइज्ड एग 2 हिस्सों में बंट जाता है. ‘हाइपर-ओव्यूलेशन’ के बाद भी कई बच्चे पैदा हो सकते हैं – जब एक ही साइकल में एक से अधिक अंडे निकलते हैं. हालांकि बहुत रेयर ‘हाइपर-ओव्यूलेशन’ यानी ‘हाइपर-ऑर्डर मल्टीपल प्रेगनेंसीज’ के कारण 3 बच्चों से लेकर 9 बच्चों तक का जन्म हो सकता है.
आंकड़े क्या कहते हैं?साल 2023 में इंग्लैंड एंड वेल्स (England and Wales) से हासिल आकड़ों से पता चलता है कि 20 साल से कम उम्र की 2,000 में से एक महिला के एक वक्त में एक से ज्यादा बच्चे पैदा होते हैं जबकि 35 से 39 साल की उम्र की महिलाओं के बीच ये दर प्रति 57 में से एक है. हाल ही में खास तौर से लो इनकम वाले देशों पर की गई रिसर्च में साल 2050 से 2100 तक सभी देशों में एक से ज्यादा बच्चों के जन्म की दर में इजाफे का अनुमान जताया गया है.
जब आया ‘बेबी बूम’साल 1940 से 1960 के दशक में ‘बेबी बूम’ के दौरान, इंग्लैंड एंड वेल्स में हर 1000 प्रेग्नेंसी में से एक से ज्यादा बच्चे पैदा होने के तकरीबन 12-13 मामले सामने आए. 1960 के दशक में महिलाएं औसतन 26 साल की उम्र में बच्चे पैदा कर रही थीं. ये एक ऐसी उम्र है जब एक से अधिक बच्चों के जन्म की संभावना कम होती है. लेकिन 1970 और 1980 के दशक में, परिवार नियोजन (पुरुष और महिला नसबंदी समेत) के बढ़ते चलन और चुनौतीपूर्ण आर्थिक समय के कारण कम बच्चे पैदा हुए। इससे कम बच्चे पैदा करने का चलन बढ़ गया
90 के दशक में इजाफाइस ड्यूरेशन के दौरान ज़्यादातर महिलाएं 20 से 25 साल की उम्र के बीच में बच्चे पैदा कर रही थीं – औसतन 26 साल की उम्र में. इसका मतलब यह हुआ कि यूके में एक से ज़्यादा बच्चों को जन्म देने की दर भी अपने सबसे निचले स्तर, लगभग 1,000 गर्भधारणों में से दस पर आ गई. 1990 और 2000 के दशक में इंग्लैंड एंड वेल्स में बहु-जन्म दर में इजाफा हुआ.
ये आंशिक रूप से महिलाओं के पहली बार मां बनने की औसत आयु में मामूली वृद्धि के कारण हुई, लेकिन मुख्य रूप से प्रजनन उपचारों के इस्तेमाल में इजाफे के कारण ऐसा हुआ. फिर भी 2000 के दशक के मिड से 2010 के दशक के मिड तक, यूक. में एकाधिक जन्म दर 1,000 गर्भधारण पर 16 से अधिक हो गई. इसकी वजह शायद अधिक उम्र में महिलाओं में प्रजनन दर में वृद्धि रही, लेकिन मुख्य कारण ‘वन एट ए टाइम’ अभियान के असर से पहले प्रजनन उपचारों का बढ़ता उपयोग रहा.
2010 के दशक में गिरावट के बाद, जब इस अभियान की सफलता डेटा में साफ हो गया, तो यूके में बहु-जन्म दर 1,000 गर्भधारण पर 14.4 हो गई. लेकिन पहले से कहीं ज़्यादा लोग अब प्रजनन उपचार की तलाश कर रहे हैं. 1991 में, यूके में प्रजनन क्लीनिकों ने लगभग 6,700 आईवीएफ प्रक्रियाएं कीं. इसकी तुलना में, 2021 में आईवीएफ तकनीक के इस्तेमाल के मामले बढ़कर 76,000 हो गए.
(सोर्स-द कन्वरसेशन और भाषा)