why milk is not good for everyone | क्या दूध इतना पौष्टिक है जिसे हर कोई हर रोज पी सकता है?

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why milk is not good for everyone | क्या दूध इतना पौष्टिक है जिसे हर कोई हर रोज पी सकता है?



सदियों से इंसान गाय, भैंस, बकरी जैसे शाकाहारी जानवरों का दूध पीता रहा है. सोसायटी से लेकर एडवरटाइजमेंट तक में दूध पीने के हजारों फायदे गिनाए गए हैं. चाहे वो बच्चे का विकास हो या फिर कमजोर हड्डियों में जान फूंकने की बात दूध को एक सर्वश्रेष्ठ पौष्टिक डेयरी प्रोडक्ट के रूप में पेश किया गया है.
लेकिन क्या दूध वास्तव में एक ऐसा विकल्प है, जिसे हर कोई हर दिन पी सकता है? स्टडी में जहां दूध में  प्रोटीन, कैल्शियम, फास्फोरस, विटामिन ए, विटामिन डी, राइबोफ्लेविन (बी 2) नियासिन (बी 3) पैंटोथेनिक एसिड (बी 5) और कोबालामिन (बी 12) समेत आयोडीन, पोटेशियम, सेलेनियम और जिंक जैसे पोषक तत्वों का पता चलता है. वहीं यह भी पाया गया है कि दूध सबके लिए हेल्दी नहीं होता है. साथ ही ज्यादा मात्रा में इसका सेवन बहुत ही हानिकारक साबित हो सकता है.दूध पीने के फायदे
दूध में मौजूद पोषक तत्वों के कारण इसे पीने से भूख कम लगती है, हड्डियों के विकास में मदद मिलती है, दांत मजबूत होते हैं, डायबिटीज से बचाव और कंट्रोल करता है जैसे जबरदस्त फायदे होते हैं.
लेकिन सबके दूध फायदेमंद नहीं
शिशु स्वास्थ्य एवं पोषण विशेषज्ञ अरुण कुमार ने बीबीसी को बताया कि जो लोग सिर्फ शाकाहारी खाना खाते हैं उनके लिए दूध पीना फायदेमंद होता है. लेकिन दूध पीना सबके लिए हेल्दी साबित नहीं होता है. क्योंकि इसमें लेक्टोज नामक शुगर पाया जाता है जिसे पचाने के लिए लेक्टिज नाम के एंजाइम की जरूरत होती है. ऐसे में जिन लोगों में इसकी कमी होती है उन्हें दूध पीने पर कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.
रोज कितना दूध पी सकते हैं
हर व्यक्ति के शारीरिक और पाचन क्षमता अलग होती है. ऐसे में हर व्यक्ति एक-दूसरे से कम या दूध पीता है. लेकिन हेल्थ के नजरिए से हर दिन 250 एमएल से 400 एमएल तक दूध पीना काफी होता है.
ज्यादा दूध पीने से क्या होगा
किसी भी हेल्दी चीज को ज्यादा मात्रा में खाने से इसका फायदा बढ़ता नहीं बल्कि बॉडी में इसकी टॉक्सिटी हो जाती है. इसका सबसे पहला असर डाइजेशन पर होता है, जिसके कारण ब्लॉटिंग, डायरिया, गैस जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
दूध पीने के नुकसान भी हैं!
क्लीवलैंड क्लिनिक के अनुसार, दूध हार्ट डिजीज जोखिम को बढ़ाने वाले कारकों में शामिल है. ऐसा इसमें मौजूद सैचुरेटेड फैट के कारण होता है जो धमनियों में फैट बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होता है. वहीं, कुछ स्टडी में दूध के अधिक सेवन को हिप फ्रैक्चर से भी संबंधित पाया गया है. 

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
 



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