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नई दिल्ली: ‘शेर कभी बूढ़ा नहीं होता’, आईपीएल 2021 का खिताब जीतकर चेन्नई सुपरकिंग्स (Chennai Super Kings) ने ये बात पूरी तरह साबित कर दी है. एमएस धोनी (MS Dhoni) की ‘येलो आर्मी’ (Yellow Army) ने टूर्नामेंट के सभी ‘यंग ब्रिगेड’ को पीछे छोड़ते हुए एक बार फिर अपना दबदबा कायम किया.
क्यों भारी CSK की ‘डैडीज आर्मी’?
सीएसके (CSK) के कप्तान एमएस धोनी (MS Dhoni) खुद 40 साल के हैं, उनकी टीम से सीजन में 633 रन रन बनाने वाले फॉफ डुप्लेसी (Faf du Plessis) 37 के हैं. अंबाती रायडू और इमरान ताहिर जैसे दिग्गज भी 35 पार कर चुके हैं, आखिर क्या वजह है ‘डैडीज आर्मी’ यंग प्लेयर्स से भी टीमों पर भारी पड़ी? आइए इसकी वजहों पर गौर फरमाते हैं.
 
1. खिलाड़ियों का तजुर्बा
चेन्नई सुपरकिंग्स (Chennai Super Kings) टीम के सीनियर प्लेयर्स को उनकी तजुर्बा का भरपूर फायदा मिला, वो जानते हैं कि किस हालात में कैसी परफॉरमेंस देनी है जो टीम के लिए फायदेमंद साबित हुआ. 

2. बड़े मैचों का प्रेशर झेलने का हुनर, 
चेन्नई सुपरकिंग्स (Chennai Super Kings) के ज्यादातर खिलाड़ी क्वालीफायर और फाइनल जैसे बड़े मैचों से घबराते नहीं है, वो जानते हैं कि अहम मुकाबलों में प्रेशर का सामना किस तरह किया जाता. ये दबाव को अपनी कमजोरी न बनाकर हथियार की तरफ साबित हुई. 

3. धोनी का कूल अंदाज, 
एमएस धोनी (MS Dhoni) के बिना ‘येलो आर्मी’ (Yellow Army) की जीत की कल्पना करनी मुश्किल है. वो मुश्किल हालात में भी अपने इमोशन पर कंट्रोल करना जानते हैं और अपनी टीम को जीत की दहलीज पर पहुंचा देते हैं. यही वजह है कि उन्हें  ‘कैप्टन कूल’ (Captain Cool) कूल कहा जाता है. 

4.खिलाड़ियों से धोनी का बेस्ट निकलवाना
एमएस धोनी (MS Dhoni) को ये बात पूरी तरह पता होती कि कौन से खिलाड़ियों का किस तरह इस्तेमाल करना है यही फॉर्मूला इस सीजन में भी काम आया है. मैच के बाद माही ने कहा कि उन्होंने इस साल कई खिलाड़ियों को अलग-अलग तरीके से इस्तेमाल किया और उनकी टीम से कई मैच विनर सामने आए. 

 

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