Which mosquito cause dengue know symptoms and natural remedies of dengue fever | Dengue Symptoms: किस मच्छर के काटने से होता है डेंगू बुखार? अच्छे से समझ लीजिए लक्षण और नेचुरल उपाय

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Dengue symptoms in hindi: उत्तर भारत के विभिन्न हिस्सों में हो रही भारी बारिश के कारण बुखार व डेंगू के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. ऐसे में सबसे पहले यह पुष्टि करना जरूरी है कि यह डेंगू है या सामान्य वायरल बुखार.  आपको बता दें कि डेंगू और वायरल बुखार में लक्षण, गंभीरता और जटिलताओं के मामले में अंतर होता है.
डेंगू बुखार मादा मच्छरों एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से होता है. इसमें अचानक बुखार होता है सिर, जोड़ों एवं मांसपेशियों में तेज दर्द होता है.इसके अलावा, त्वचा पर चकत्ते भी पड़ जाते हैं शरीर पर गंभीर मामलों में यह डेंगू हेमोरेजिक फीवर का कारण का बन जाता है, जो जानलेवा हो सकता है. प्लेटलेट्स काफी कम होने पर नाक, मसूड़ों, आंतों से ब्लीडिंग, बेहोशी, कम पेशाब आना, सांस लेने में कठिनाई, हाथ, चेहरे व पैरों में सूजन और कम ब्लड जैसी समस्याएं होने लगती हैं. ऐसे में तुरंत डॉक्टर के पास जाएं.सामान्य वायरल में बुखार धीरे-धीरे चढ़ता है. गले में खराश, खांसी, नाक बहना, शरीर दर्द व थकान के हल्के लक्षण दिखते हैं. डेंगू जांच में खून में एंटीबॉडी की जांच करते हैं. एक्सपर्ट के अनुसार, बुखार व दर्द की कुछ दवाएं प्लेटलेट्स पर बुरा असर डालती हैं, ऐसे में खुद से दवा न लें और न कोई एंटीबायोटिक्स दवाएं न खाएं. इसके अलावा, सुनी-सुनाई बातों के आधार पर खाने-पीने की चीजों का सेवन न करें.
डेंगू से राहत के नेचुरल उपाय
– डेंगू बुखार में कई जड़ी-बूटियों मसलन गिलोय, तुलसी, मंजिष्ठा, मुलैठी व आंवला का अच्छा असर देखने को मिलता है. इसी तरह हल्दी व अदरक प्राकृतिक दर्द निवारक हैं. जड़ी-बूटियों का सेवन करते समय मात्रा का ध्यान रखना चाहिए.
– गिलोय या आंवला यदि चूर्ण रूप में ले रहे हैं तो दिन में तीन से छह ग्राम तक ले सकते हैं. यह मरीज की उम्र व स्थिति पर निर्भर करता है. अगर जूस लेते हैं तो एक दिन में 20 से 25 मिलीग्राम तक ले सकते हैं. हल्दी गर्म होती है, इसे दिन में एक से दो ग्राम तक ही लें. तुलसी को काढ़े के तौर पर ही लेने की सलाह दी जाती है. बेहतर है कि विशेषज्ञ से मिलकर अपने लिए सलाह लें. लक्षण गंभीर हो रहे हैं तो डॉक्टर से मिलें. आयुर्वेदिक व एलोपैथिक दवाओं के बीच आधे घंटे का अंतर रखें.
– घर के आसपास सफाई रखें. कहीं पानी जमा न होने दें. मच्छर दूर रखने के लिए नीम का तेल, यूकेलिप्टस का तेल या तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल करें.
– हर्बल चाय, ओआरएस, नारियल पानी व ताजे फलों के जूस के तौर पर पर्याप्त तरल चीजों का सेवन करें. इससे बुखार कम करने और इलेक्ट्रोलाइट का बैलेंस बनाने में मदद मिलती है. हल्के और आसानी से पचने वाले आहार जैसे खिचड़ी और सूप का सेवन करें, इससे पाचन तंत्र पर दबाव नहीं पड़ता. जंक फूड से बचकर रहें.
– एंटीपायरेटिक हर्ब जैसे मेथी, धनिया और जीरा को नियमित भोजन में शामिल करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)



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