What is Traumatic Brain Injury Three times more men die than women | क्या है ट्रॉमेटिक ब्रेन इंजरी? महिलाओं से तीन गुना ज्यादा पुरुषों की जाती है जान

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What is Traumatic Brain Injury Three times more men die than women | क्या है ट्रॉमेटिक ब्रेन इंजरी? महिलाओं से तीन गुना ज्यादा पुरुषों की जाती है जान



हाल ही में हुए एक शोध में यह खुलासा हुआ है कि पुरुषों में ट्रॉमेटिक ब्रेन इंजरी (टीबीआई) से मरने की संभावना महिलाओं की तुलना में तीन गुना अधिक है. 2021 के अमेरिकी मृत्यु दर के आंकड़ों पर आधारित इस शोध से यह पता चला है कि टीबीआई के कारण मौत की दर वृद्ध व्यक्तियों, पुरुषों और कुछ जातीय समूहों में असमान रूप से अधिक पाई जाती है.
यह शोध ब्रेन इंजरी नामक पीयर-रिव्यूड जर्नल में प्रकाशित हुआ है, जिसमें बताया गया है कि आत्महत्या और अनजाने में गिरने की घटनाएं टीबीआई से संबंधित मौतों के प्रमुख कारण हैं. इसके अलावा, शोध में यह भी कहा गया है कि टीबीआई की गंभीरता लिंग और उम्र के हिसाब से अलग-अलग होती है. 
क्या है ट्रॉमेटिक ब्रेन इंजरी
ट्रॉमेटिक ब्रेन इंजरी (TBI) एक गंभीर चोट है, जो ब्रेन के काम करने के तरीके को प्रभावित करती है. यह सिर पर जोरदार टक्कर, झटके या किसी भारी चीज से चोट लगने से हो सकता है.  
पुरुष ज्यादा प्रभावित 
इस अध्ययन के अनुसार, पुरुषों में टीबीआई से मरने की संभावना महिलाओं की तुलना में तीन गुना अधिक है. 2021 में अमेरिका में कुल 69,473 टीबीआई संबंधी मौतें दर्ज की गयी. शोधकर्ताओं के अनुसार, पुरुषों के अलावा बुजुर्ग भी इस खतरे से जूझ रहे हैं, खासकर जब वे अचानक गिरते हैं. वहीं, महिलाओं में मेनोपॉज के बाद टीबीआई का असर पुरुषों की तुलना में कम देखा गया है.
आत्महत्या सबसे बड़ी वजह
टीबीआई के कारण होने वाली मौतों का सबसे सामान्य कारण आत्महत्या है, जो इस शोध में प्रमुख रूप से सामने आया है. इसके बाद गिरने की घटनाएं और मोटर वाहन दुर्घटनाएं भी प्रमुख कारण हैं. शोधकर्ताओं का मानना है कि लिंग और उम्र के आधार पर टीबीआई की गंभीरता में भिन्नता आती है, और इसे ध्यान में रखते हुए विभिन्न समूहों के लिए अलग-अलग रोकथाम उपायों की जरूरत है.
बचाव 
शोध के प्रमुख लेखक, एलेक्सिस पीटरसन ने कहा कि टीबीआई के कारण होने वाली मौतों के आंकड़े लिंग और उम्र पर निर्भर करते हैं. उनका मानना है कि इस समस्या से निपटने के लिए अधिक संवेदनशील और अनुकूलित रोकथाम रणनीतियों की आवश्यकता है. खासकर उन समूहों तक पहुंचने के लिए जो ज्यादा जोखिम में हैं. इसके साथ ही, स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं की भूमिका पर भी जोर दिया गया है, जो शुरुआती हस्तक्षेप और सांस्कृतिक रूप से संवेदनशील देखभाल के माध्यम से टीबीआई से संबंधित मौतों को कम करने में मदद कर सकते हैं.

-एजेंसी-

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
 



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