James Harrison Blood Donor: एक इंसान अपनी पूरी लाइफ में कितनी बार ब्लड डोनेट पर पाता है? अगर कोई व्यक्ति हर साल में एक बार ब्लड डोनेट करता है, तो हम उसकी तारीफ करने लगते हैं. लेकिन अगर आपको बताऊ कि एक ऐसा व्यक्ति भी है, जिसने अपने जीवन के 64 सालों में लगभग 1173 बार ब्लड डोनेट किया है, तो आप क्या कहेंगे. मैं किसी काल्पनिक किरदार की नहीं, बल्कि ऑस्ट्रेलिया के जेम्स हैरिसन की बात कर रही हूं. फरिश्ता बनकर आए जेम्स हैरिसन ने ब्लड डोनेट करके करके 24 लाख बच्चों की जान बचाई है.
मैन विद द गोल्डन आर्म
इश्वर का ये फरिश्ता अब हमे छोड़कर चला गया है. 17 फरवरी को उनका निधन हो गया. स्वास्थ्य अधिकारियों से दी गई जानकारी के अनुसार जेम्स हैरिसन ने 88 साल की उम्र में दुनिया को अलविद कहा. “मैन विद द गोल्डन आर्म” ने रूप में जाने जाने वाले हैरिसन को एक दुर्लभ एंटीबॉडी था, जिसे एंटी-डी के नाम से जाना जाता है. इस एंटी-डी की मदद से उन्होंने अपने पूरे जीवन में ब्लड डोनेट करके लगभग 24 लाख बच्चों की जान बचाई है. उनके निधन पर ऑस्ट्रेलियाई रेड क्रॉस ब्लड सर्विस ने हैरिसन को श्रद्धांजलि दी, उन्होंने बताया कि अपनी कंडीशन जानने के बाद, हैरिसन ने 14 साल की उम्र में ही ब्लड डोनेट करने का फैसला ले लिया था. वहीं 18 साल की उम्र से वे ब्लड डोनेट कर रहे हैं. सबसे ज्यादा ब्लड डोनेट करने का रिकॉर्ड उन्होंने 2005 में बनाया था.
क्या है दुलभ एंटीबॉडी एंटी-डी?
जेम्स हैरिसन के प्लाज्मा में एक दुर्लभ एंटीबॉडी (एंटी-डी) था. एंटी-डी का इस्तेमाल उन महिलाओं के लिए दवा बनाने में किया जाता है, जिनकी रेड ब्लड सेल उनके अजन्मे बच्चे को नुकसान पहुंचाने लगती है. इस कंडिशन को रीसस डी हेमोलिटिक रोग (Hemolytic disease of the fetus and newborn/ HDFN) के रूप में जाना जाता है. अपनी इस स्पेशल कंडीशन के जरिए उन्होंने लाखों प्रेग्नेंट महिलाओं के अजन्मे बच्चों की जान बचाई है.
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