Silent Dehydration Symptoms: गर्मी और उमस भरे मौसम में शरीर में अक्सर पानी की कमी हो जाती है, जिसे डिहाइड्रेशन कहा जाता है, यही वजह है कि हेल्थ एक्सपर्ट अक्सर ऐसे वेदर में ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ पीने की सलाह देते है. लेकिन क्या आप ‘साइलेंट डिहाइड्रेशन’ किसे कहा जाता है और इससे आपको क्या खतरा हो सकता है.
साइलेंट डिहाइड्रेशन से बचकर…
डॉ. मनन वोहरा (Dr. Manan Vora) ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो के जरिए बताया, “वॉर्म समर डेज में ये जरूरी होता है कि आप तुरंत तरल पदार्थ को पीकर अपनी प्यास बुझाएं. ‘माइल्ड डिहाइड्रेशन’ को फ्लूइड के इनटेक को बढ़ाकर मैनेज किया जा सकता है, लेकिन हर फ्लूइड में इलेक्ट्रोलाइट्स (Electrolytes) नहीं होता है. और अगर आप सांस लेने या पसीना निकलने जैसे नेचुरल प्रॉसेस के जरिए वॉटर लूज करते हैं, तो ये आपको ‘साइलेंट डिहाइड्रेशन’ (Silent Dehydration) की तरफ ले जाएगा.
‘साइलेंट डिहाइड्रेशन’ किसे कहते हैं?
‘साइलेंट डिहाइड्रेशन’ उस फेज़ को कहा जाता है जहां आपकी बॉडी में इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी है, आपकी ओवरऑल एनर्जी भी लो हो चुकी है, चाहे आपको प्यास लगी हो या नहीं. ये एक तरह का छिपा हुआ डिहाइड्रेशन है जो आपकी जानकारी के बिना ही आपकी सेहत को नुकसान पहुंचाता है, और भारत में खासकर ये काफी ज्यादा कॉमन है क्योंकि यहां काफी जगहों पर हॉट एंड ह्यूमिड क्लाइमेट पाया जाता है.
लक्षणों को कैसे पहचानें?
‘साइलेंट डिहाइड्रेशन’ को पहचान पाना मुश्किल हो सकता है, क्योंकि इसके लक्षण अक्सर कम नजर आते हैं, और ये आइसोलेशन में अपीयर होते हैं. यही वजह है कि इन्हें नजरअंदाज कर दिया जाता है. इस परेशानी के कुछ कॉमन साइन हैं जैसे-
-थकान-पीला यूरिन-सिरदर्द -चक्कर आना-कब्ज
किन लोगों को ज्यादा खतरा?
डॉ. मनन वोहरा के मुताबिक हाई रिस्क ग्रुप में युवा वर्ग के लोग, डायबिटीज के मरीज, एथलीट, वो लोग जिन्हें ऑफिस के बाहर कड़ी धूप में काम करना पड़ता है और वो नियमित तौर से तरल पदार्थ नहीं लेते और अपने रिसोर्स को बेहतर नहीं बनाते.
‘सिर्फ पानी पीना काफी नहीं’
पानी आपके लिए जरूरी फ्लूइड है, लेकिन कई बार ये काफी नहीं होता, ऐसे में आपको कुछ ऐसे बेवरेजेज ट्राई करने चाहिए जिनमें इलेक्ट्रोलाइट्स मौजूद हों, जिससे आपके शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स लेवल बढ़ जाए और साथ ही एनर्जी लेवल भी बेहतर हो जाए. इस तरह आप ‘साइलेंट डिहाइड्रेशन’ को हरा पाएंगे.