What is sickle cell disease Due to which 10,746 people of Rajasthan are not able to get married symptoms are dangerous | क्या है सिकल सेल की बीमारी? जिसके कारण शादी नहीं कर पा रहे राजस्थान के 10,746 लोग, लक्षण हैं जानलेवा

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What is sickle cell disease Due to which 10,746 people of Rajasthan are not able to get married symptoms are dangerous | क्या है सिकल सेल की बीमारी? जिसके कारण शादी नहीं कर पा रहे राजस्थान के 10,746 लोग, लक्षण हैं जानलेवा



राजस्थान के 9 जिलों के 10,746 लोग ऐसे हैं, जिनकी पहचान गुलाबी और नीले कार्ड से होती है. इन कार्ड को जेनेटिक काउंसलिंग आईडी कार्ड (जीसी अईडी) कहा जाता है. ये लोग आपस में शादी नहीं कर सकते हैं, क्योंकि इन्हें लाइलाज सिकल सेल बीमारी है.
यह बीमारी ज्यादातर आदिवासी क्षेत्रों में है. इसकी चपेट में महिलाएं ज्यादा हैं. इस रोग में पीड़ित महिला की उम्र 48 और पुरुष की आयु 42 साल तक ही सीमित होने का खतरा बना रहता है. यह मुख्य रूप से आनुवंशिक रोग है. यह रोग इतना खतरनाक होता है कि धीरे-धीरे शरीर के अंगों को बहुत कमजोर कर देता है. इससे धीरे-धीर कम उम्र में ही इंसान की मौत हो जाती है.
क्या है सिकल सेल डिजीज
सिकल सेल रोग आपके लाल रक्त कोशिकाओं के भीतर हीमोग्लोबिन को प्रभावित करता है. इस बीमारी में बॉडी हीमोग्लोबिन नहीं बना पाता है, जिससे लाल रक्त कोशिकाएं सिकल के आकार की हो जाती हैं. ये सिकल के आकार की कोशिकाएं आपके रक्त प्रवाह में रुकावट पैदा करती हैं, जिससे एनीमिया, दर्द, संक्रमण, ऑर्गन फेलियर का जोखिम होता है.
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सिकलसेल के लक्षण
इसके मुख्य लक्षण शरीर के किसी अंग में बार-बार असहनीय दर्द एवं खून की कमी हैं. यह शरीर के विकास में कमी और फेफड़े, हृदय, गुर्दे, आंखें, हड्डियां और मस्तिष्क जैसे कई अंगों को भी प्रभावित करता है.
क्यों नहीं कर सकते शादी
सिकल सेल को फैलने से रोकने के लिए इसके रोगियों के बीच शादी करने की मनाही है. दरअसल, यह बीमारी जेनेटिक है. ऐसे में यदि माता-पिता को यह बीमारी है तो इसका खतरा बच्चे में बहुत अधिक बढ़ जाता है. 
बीमारी के रोकथाम के लिए फ्री वैक्सीन
रोग के प्रभाव को कम करने के लिए 2 वैक्सीन सरकार ने दो वैक्सीन को मंजूरी दी है। एक वैक्सीन की कीमत 10 से 12 हजार रु. हैं लेकिन सरकार इन्हें निशुल्क देगी. हालांकि अभी तक वैक्सीन का वितरण शुरू नहीं हुआ है. इससे बीमारी खत्म नहीं होती है बल्कि इससे ज्यादा बढ़ने का खतरा कम हो जाता है. इसके प्रभाव को कम करने के लिए कुछ दवाइयां भी दी जाती हैं.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
 



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